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Taali Review: ताली एक हाथ से नही बजती, कहानी उस श्रीगौरी सावंत की जिसने दिलाई किन्नरों को पहचान

सुष्मिता सेन 'ताली' में किन्नर गौरी सावंत के रोल में , गौरी सावंत ने ही किन्नरों को कानूनी मान्यता दिलवाई

 

Network Today

जी पी अवस्थी , Updated on: 25 नवम्बर2023 | 2:33PM

बॉलीवुड/ OTT प्लेटफॉर्म। वैसे तो पूरी दुनिया में किन्नर है जिनको अलग अलग विदेश में रह रहे किन्नरों को अपने सविधान से मान्यता मिली है या कुछ ऐसे देश भी है जहाँ अभी भी उनको मान्यता नही मिली है चलिये हम बात करते है भारत की जहा किन्नरों के हक को लेकर हाल कैसा रहा है ये सभी जानते हैं. आज भले ही देश के संविधान में उन्हें स्वीकृति मिल गयी है।

हाइलाइट्स

सुष्मिता सेन ‘ताली’ में किन्नर गौरी सावंत के रोल में

गौरी सावंत ने ही किन्नरों को कानूनी मान्यता दिलवाई

गौरी सावंत एक किन्नर हैं, जिनका नाम गणेश नंदन था

लेकिन अभी भी हमें खुद से ये पूछना चाहिए कि क्या हमने इन्हें दिल से अपनाया है. अगर नहीं तो ये भी पूछना चाहिए कि क्यों? अगर ये क्यों का सवाल सालों पहले गौरी सावंत ने ना पूछा होता तो आज भी किन्नर समाज अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहा होता. देखा जाय तो अभी रेस में पीछे तो अभी भी दौड़ रहे है, लेकिन गौरी सावंत ने इस फासले की कमी को काफी कम किया है.

 

 

वेब सीरीज ‘आर्या’ और ‘आर्या 2’ से धमाल मचाने के बाद सुष्मिता सेन अब और दमदार वेब सीरीज में दिखी। यह एक बायोपिक है, जिसमें किन्नर गौरी सावंत की कहानी दिखाई गईं जब से ‘ताली’ से सुष्मिता सेन का फर्स्ट लुक रिलीज हुआ तब से फैंस गौरी सावंत के बारे में जानने को काफी बेचैन दिखे।आपको बतादे की गौरी सावंत एक सोशल वर्कर हैं जो कई साल से किन्नरों के हितों के लिए काम करती आ रही हैं। गौरी सावंत ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के एक एपिसोड में भी नजर आई थीं। तब अमिताभ बच्चन ने भी उनकी काफी तारीफ की थी।

बात करे सुष्मिता सेन की वेब सीरीज ताली जो जियो सिनेमा पर कुछ समय पहले ही रिलीज हुई है. इस वेब सीरीज में ट्रांसजेंडर श्रीगौरी सावंत के जीवन के संघर्ष की कहानी दिखाई गई है. श्रीगौरी एक ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट हैं और सोशल वर्कर भी हैं. उनका जन्म एक लड़के के तौर पर हुआ था और उनका नाम गणेश था. लेकिन गौरी हमेशा से ही अपने इस रूप में कन्फर्टेबल महसुस नहीं कर रही थीं. वे गणेश से गौरी कैसे बनती हैं ये इस वेब सीरीज में दिखाया गया है. गौरी के रोल में जब सुष्मिता सेन को लिया गया तो खूब हंगामा हुआ था और लोगों का मानना था कि किसी ट्रांसजेंडर से ये रोल कराना चाहिए था. लेकिन गौरी के रोल में सुष्मिता ने इतनी जबरदस्त ऐक्टिंग करी की सभी सभी की बोलती बंद कर दी थी।

इंसान की मनोदशा हमेशा से ये है कि वो एक समाज के तौर पर खुद को विकसित समझने लगा है. लेकिन किन्नर वर्ग या बड़े पैमाने पर कहें तो LGBTQ कॉम्युनिटी को ये समाज हमेशा से दरकिनार करता आया है. जब एक समाज अपने साथियों को साथ लेकर नहीं आगे बढ़ सकता है तो वो किस तर्ज पर विकसित होने का दावा करता है. अगर समाज ने कभी भी थर्ड जेंडर के बारे में सोचा होता उनका हाथ थामा होता तो किन्नरों को ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े नहीं होना पड़ता. बस और ट्रेन पर चढ़ कर भीख नहीं मांगनी पड़ती. खुद को एक मॉन्सटर में ना बदलना पड़ता. रोजी-रोटी के लिए अपने जिस्म की बोली नहीं लगानी पड़ती.

देखिये ये “ताली ” का ट्रेलर 👇

 

लेकिन ये सब हुआ है, इसी समाज में हुआ है और सदियों से होता आया है. हम सब इसके साक्षी हैं. और ये तब तक होता आया है जबतक गौरी सावंत जैसी शख्सियत ने जन्म नहीं लिया. उस विचारधारा ने जन्म नहीं लिया था जो समाज की आंख में आंख मिलाकर कह सके कि हम भी हैं. हमें भी गिनो और समाज में शामिल करो.

क्या है ये पुरी कहानी ,चलिये आपको बताते है

गौरी सावंत ने अपने जीवन में शुरू से ही संघर्ष देखा. जब वे छोटी थीं उस समय ही उनकी मां गुजर गईं. उन्हें अपने पिता तक से स्वीकृति नहीं मिली जो उन्हें इस दुनिया में लेकर आए थे।। उनकी बड़ी बहन ने उन्हें नकारा. जब बाहर गईं तो लोगों ने नकारा. हर जगह ठोकरें खानी पड़ीं. ये वो समय था जब गणेश की आत्मा में गौरी हावी हो रही थी और गणेश की बेबसी गौरी की दहाड़ में तब्दील हो रही थी. फिर वो वक्त भी आया जब गणेश ने पूरी तरह से खुद को गौरी में बदलने की ठान ली. और ये बदलाव एक मामुली बदलाव नहीं था. ये बदलाव पूरी दुनिया में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाला था. जो सदियों से नहीं हुआ वो अब होने वाला था.

 

6 एपिसोड की इस वेबसीरीज को शॉर्ट रखा गया है और गौरी के जीवन के महत्वपूर्ण इंसिडेंट्स को इसमें शामिल किया गया है. उनका घर छोड़ना, किन्नर जाति में शामिल होना, एक मां के तौर पर खुद को विकसित करना और उस फर्ज को निभाना, साथ ही किन्नर समाज के हर हक के लिए लड़ना, ये सारे घटनाक्रम इस वेब सीरीज में इस तरह से दिखाई गई हैं कि श्रीगौरी की जीवन गाथा देख आप अपने गम भूल जाएंगे. गौरी वो दशरथ मांझी थीं जिन्होंने खुद घटिया मानसिकता और सड़ चुकी धारणाओं के पहाड़ को अपनी क्रांति की कुल्हाड़ी से काटा और पूरे किन्नर समाज के लिए रास्ता बनाया तो आप भी इस वेब सीरीज को जरूर देखें तो पता चलेगा कि इस समाज मे किन्नर कैसे जीते है।

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