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Hardik Patel: भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल की मौजूदगी में ली सदस्यता

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हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने 18 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव से पहले उनका यह कदम कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

कांग्रेस के पूर्व नेता हार्दिक पटेल(Hardik Patel) आज  भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने गांधीनगर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ले ली है। वहीं शामिल होने से पहले हार्दिक ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा।

मुझे पद का लालच नहीं: हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल ने कहा कि आजतक मैंने पद के लालच में कहीं भी किसी भी प्रकार की मांग नहीं रखी। कांग्रेस को भी मैंने काम मांगते हुए छोड़ा और भाजपा में भी मैं काम करने की परिभाषा के साथ जुड़ रहा हूं। स्थान की चिंता कमजोर लोग करते हैं। मजबूत लोग कभी भी स्थान की चिंता नहीं करते हैं।

कांग्रेस पार्टी से नाराज नेताओं को भाजपा में शामिल करेंगे: हार्दिक
हार्दिक पटेल ने कहा कि बहुत जल्द हर 10 दिन में एक कार्यक्रम करेंगे जिसमें कांग्रेस पार्टी से नाराज विधायकों, जिला पंचायत या तहसील पंचायत के सदस्यों, नगर निगम के सदस्यों को जोड़ेंगे।

18 मई को कांग्रेस से दिया था इस्तीफा
बता दें कि हार्दिक पटेल ने 18 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव से पहले उनका यह कदम कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है। कांग्रेस छोड़ने से पहले हार्दिक ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की नीति को लेकर जमकर हमलो बोला था।

त्यागपत्र में कांग्रेस पर जमकर साधा था निशाना
अपने त्यागपत्र में  हार्दिक ने लिखा था कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं बल्कि ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो और हमारे देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो।उन्होंने अपने त्यागपत्र में आगे लिखा था कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो या जीएसटी लागू करने जैसे फैसले हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था। लेकिन, कांग्रेस इसमें केवल बाधा बनने का काम करती रही। कांग्रेस का रुख केवल केंद्र का विरोध करने तक ही सीमित रहा।

 

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