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सरकारी आंकड़ों में भी नियंत्रण में नहीं मामले, अस्पतालों के हॉल में ही मरीजों का हो रहा इलाज

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जीरो कोविड पॉलिसी से बाहर आने के बाद से ही चीन में हालात बिगड़ गए हैं। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के ही एक स्वरूप बीएफ.7 ने बीजिंग से लेकर शंघाई तक कहर मचा रखा है। आलम यह है कि कई अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइनें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में कोरोना से असल में कितने संक्रमित और कितनी मौतें हो रही हैं, यह पता लगा पाना काफी मुश्किल है, लेकिन अगर सरकारी आंकड़ों पर ही गौर किया जाए तो देश में हालात काफी गंभीर हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि जहां सोमवार तक चीन ने कोरोना के केस बढ़ने के साथ मौतों में इजाफे की बात भी कही थी, वहीं अब पिछले दो दिनों (मंगलवार-बुधवार) से पूरे देश में एक भी मौत न होने का रिकॉर्ड दिखाया गया है। दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के सभी बड़े शहरों में लगातार शवदाह गृहों के बाहर भारी भीड़ होने की बात कही जा रही है। ऐसे में चीन में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही कोरोना की स्थिति समझना काफी मुश्किल साबित होता है।
पांच पॉइंट्स में समझें चीन में कोरोना से उपजी ताजा स्थिति
1. गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को चीन में कोरोना के 3030 नए केस मिले हैं। यह मंगलवार के 3101 केसों से 71 केस कम हैं। चीन के स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि इनमें 2966 केस स्थानीय स्तर पर पाए गए हैं। वहीं, बुधवार को कोरोना की वजह से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। चीन में अब तक कोरोना के कुल 3 लाख 89 हजार 306 केस दर्ज हुए हैं। वहीं मौतों का आंकड़ा 5242 पर स्थिर है।
2. चीन में जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दिए जाने के बाद से ही यहां के अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइनें लगी हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई के सबसे बड़े टोंगरेन हॉस्पिटल में आईसीयू में कार्यरत डॉक्टरों को अब मरीजों के इलाज के लिए हॉल-वे में इंतजाम करने पड़ रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में गंभीर स्थिति में अस्पताल लाए गए मरीजों के लिए बड़े कमरों में ही सारे इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं।
3. चीन की स्थिति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी बयान जारी किया है। उसके अधिकारियों का कहना है कि चीन को नए मामलों को नियंत्रित करने में मुश्किल आ रही है। माना जा रहा है कि अपने केसों को छिपाने के लिए चीन ने टेस्टिंग भी घटा दी है। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता भी जताई है।
4. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बीजिंग के शवदाह गृहों में भारी भीड़ जमा है, जबकि चीन लगातार कोरोना से मौतों की संख्या बेहद कम बता रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि चीन सरकार को उसे सही डेटा मुहैया राना चाहिए, ताकि भर्ती मरीजों और मौतों से बचाव के तरीकों की समीक्षा की जा सके।
5. चीन में कोरोना से मौतों में आई इस कमी के पीछे जिनपिंग सरकार की ओर नीतियों में किया गया बदलाव माना जा रहा है। दरअसल, पहले चीन में अगर पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे संक्रमित की मौत होती थी, तो उसे कोरोना से मौतों की लिस्ट में जोड़ा जाता था। लेकिन नई नीति के तहत अब सिर्फ श्वसन क्रिया (सांस लेने) में समस्या से जान गंवाने वालों को ही कोरोना से मौत की श्रेणी में रखा जाएगा।
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