
इस्लामाबाद। इमरान खान के पाकिस्तान में भ्रष्टाचार मिटाने के वादे एकबार फिर खोखले साबित हो रहे हैं। इमरान खान के पारदर्शिता लाने के लिए भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल करने के दावों के बावजूद, उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार पटवारी प्रणाली को प्राथमिकता देती है। डॉन अखबार की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने भू-माफियाओं और पटवारी व्यवस्था के खात्मे के लिए एक जवाबदेही अभियान शुरू किया था, हालांकि अभी भी इस उद्देश्य के लिए 19वीं सदी के कानून का उपयोग किया जा रहा है, जो एक बहाना साबित हो रहा है।
अर्सलान खालिद ने स्वीकारा सच्चाई से अनजान थे इमरान
गौरतलब है कि सितंबर 2021 में, प्रधानमंत्री खान ने इस्लामाबाद के लिए एक डिजिटल भूमि रिकॉर्ड प्रणाली और भूकर मानचित्र के शुभारंभ में भाग लिया था। वहां उन्होंने कहा था कि डिजिटल लैंड रिकॉर्ड सिस्टम से न केवल भू-माफिया का खात्मा होगा बल्कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अवैध और बेतरतीब निर्माण को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। बता दें कि डिजिटल मीडिया पर प्रधानमंत्री के फोकल व्यक्ति डॉ अर्सलान खालिद और डिजिटल मीडिया विंग के प्रमुख इमरान गजाली ने कहा कि वे इस मामले से अनजान थे क्योंकि यह उनके दायरे में नहीं था।
एफजीईएचए की डिजिटलीकरण में कोई दिलचस्पी नहीं
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज हाउसिंग अथॉरिटी (एफजीईएचए) के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार, निकाय की अपनी प्रक्रियाओं के कम्प्यूटरीकरण या रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि मैनुअल प्रक्रियाओं से कुछ निहित स्वार्थों को लाभ होता है।
पारदर्शिता की कमी के चलते प्राधिकरण भुगत रहा मुकदमेबाजी
एक सेवारत एफजीईएचए अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर डॉन अखबार को बताया कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यों के संचालन में पारदर्शिता की कमी के कारण प्राधिकरण जिस मुकदमेबाजी में उलझा हुआ है, उसका अधिकांश हिस्सा भूमि अधिग्रहण और आवंटन के लिए है।