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छह महीने के नयन की आंख की मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ सफल

फ़ोटो कैप्शन- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी मोहन अपनी टीम के साथ नयन को खिलाती हुई

Network Today

जी पी अवस्थी, विशेष संवाददाता

कानपुर स्थित नौबस्ता रहने वाली रोशनी के छह महीने के बच्चे नयन के पैदाइशी जटिल मोतियाबिंद समस्या थी इसकी जांच करने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में मोतियाबिंद की सर्जरी की गई है ये ऑपरेशन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी मोहन ने अपनी टीम के साथ किया ।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी मोहन

नेटवर्क टुडे के विशेष संवाददाता को  बताया कि ऑपरेशन के दौरान पाया गया कि मोतियाबिंद के साथ खून की नालियां भी चिपकी हुई थी इस बीमारी को पीएचपीवी कहते हैं यह एक दुर्लभ बीमारी होती है आंख की लेंस के पीछे चिपकी हुई नानिया अमूमन गर्भावस्था के दौरान ही अलग हो जाती है इनके चिपके रहने से आंख की लंबाई कम हो जाती है और आंख की देखने की क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पढ़ने लगता है डॉ शालिनी मोहन ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन के दौरान खून के हिसाब का भी खतरा बना रहता है यह बीमारी 10 हजार में किसी एक बच्चे में पाई जाती है यह बच्चा जब आया था लेकिन हिमोग्लोबिन कम था फिर हमने इस को डॉ के पास जांच के लिए भेजा फिर इसको आयरन दवा दी गयी करीब 2 महीने के बाद फिर हमारे पास आया तब रिपोर्ट देखने के बाद कि अब हीमोग्लोबिन सही है तब हम लोगो ने डिसाईड किया कि ऑपरेशन करेंगे तो मंगलवार को इस बच्चे को भर्ती कराया फिर इसकी सर्जरी कर दी ।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी मोहन अपनी टीम के साथ नयन को खिलाती हुई

आपको बतादे की ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉक्टर शालिनी के साथ डॉक्टर दीक्षा डॉक्टर रितु थी मोतियाबिंद का ऑपरेशन विटेरक्टमी विधि से किया गया है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य टीम को दी बधाई

सफल ऑपरेशन का पता चलते ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला ने पूरी टीम को बधाई दी ।

 

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