
चीन बॉर्डर पर फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन जुटा रहा भारत, अगले 48 घंटे में बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी
Network Today
नई दिल्ली,15 दिसंबर 2022,अपडेटेड 13: 30 AM IS
नई दिल्ली।भारतीय वायुसेना अगले 48 घंटे में बड़ा सैन्याभ्यास करने जा रही है. ये सैन्याभ्यास चीन सीमा के नजदीक ही होगा. जानकारी के मुताबिक, 15 और 16 दिसंबर को चीन सीमा से सटे चार एयरबेस पर ये युद्धाभ्यास किया जाएगा. हालांकि, इसका तवांग सेक्टर में हुई झड़प से लेना-देना नहीं है.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों के साथ झड़प के बाद अब थल सेना से लेकर वायुसेना तक अलर्ट पर है. भारतीय वायुसेना अगले 48 घंटों में चीनी सीमा से सटे चार एयरबेस पर बड़ा सैन्याभ्यास करने जा रही है. इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन शामिल होंगे. ये युद्धाभ्यास वायुसेना की पूर्वी कमांड करेगी.
जानकारी के मुताबिक, 15 और 16 दिसंबर को चीनी सीमा के पास ये युद्धाभ्यास होगा. वायुसेना का ये युद्धाभ्यास जिन चार एयरबेस पर होगा, उनमें तेजपुर, चाबुआ, जोरहाट और हाशिमारा शामिल है.
तवांग झड़प से कोई कनेक्शन?
गलवान के बाद यांगत्से पर थी चीन की निगाहें, एक साल में चरम पर पहुंचा तनाव वही तवांग को गलवान समझने की गलती कर बैठी थी चीनी सेना, मिला सरप्राइज
जमीन से लेकर समंदर तक… भारत ही नहीं, दुनिया के 17 देशों के साथ है चीन का सीमा विवाद
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी.
ऐसे समय में भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास को तवांग में हुई झड़प से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, वायुसेना का कहना है कि ये रूटीन एक्सरसाइज है और पहले से ही इसकी तारीख थी और इसका झड़प से कोई लेना-देना नहीं है.
इस युद्धाभ्यास का मकसद पूर्वी सेक्टर में अपने ऑपरेशन और क्षमताओं का परीक्षण करना है. पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी पूर्वी कमांड ही करती है.
क्या हुआ था तवांग में?
भारतीय सेना ने सोमवार को बयान जारी कर बताया था कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोट आई थीं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया.
राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि इस झड़प में भारतीय सेना का न तो कोई जवान शहीद हुआ है और न ही किसी को गंभीर चोट आई है.
वहीं, इस झड़प के बाद चीन ने भी कहा कि सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ बनी हुई है.
इससे पहले 15-16 जून 2020 को लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीन ने 6 महीने बाद इस झड़प में 4 जवानों के मारे जाने की बात मानी थी. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में गलवान घाटी में झड़प में चीनी सेना के कम से कम 38 जवानों के मारे जाने का दावा किया था.