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हाइलाइट्स
- पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार कर्ज के लिए दुनियाभर में झोली फैला रही है
- वहीं पाकिस्तानी सेना पर्दे के पीछे से परमाणु हथियारों पर जमकर पैसा बहा रही है
- अपने दोस्त चीन के नक्शे कदम पर चलते हुए पाकिस्तान दूसरा मिसाइल साइलो बना रहा है
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार सऊदी अरब से लेकर चीन तक से कर्ज के लिए झोली फैला रही है लेकिन पर्दे के पीछे से वह परमाणु हथियारों पर जमकर पैसा बहा रही है। पाकिस्तान की सेना की परमाणु फोर्स इसके जरिए न केवल परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रही है, बल्कि उसकी क्षमता भी बढ़ा रही है। अपने दोस्त चीन के नक्शे कदम पर चलते हुए पाकिस्तान दूसरा मिसाइल साइलो बना रहा है। इससे पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलों की ताकत बहुत बढ़ जाएगा।
#Pakistan #nuclear forces increasing its capacity & capability.
New #silos constructions in full swing.
Second site of silos construction identified.
These could be new basings for #Ababeel #MIRV developed with proliferator friend #China’s help. pic.twitter.com/cneJ6TbBXd— 卫纳夜格.巴特 Col Vinayak Bhat (Retd) @Raj47 (@rajfortyseven) August 26, 2022
सैटलाइट तस्वीरों के विशेषज्ञ सेवानिवृत्त कर्नल विनायक भट्ट ने गूगल अर्थ से मिली तस्वीरों के आधार पर इस दूसरे मिसाइल साइलो की पहचान की है। उन्होंने कहा कि इस नए मिसाइल साइलो का निर्माण कार्य बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भट्ट ने कहा कि यह नया मिसाइल साइलो पाकिस्तान की घातक मिसाइल अबाबील के लिए हो सकता है जो MIRV तकनीक से लैस है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने MIRV तकनीक को भारत के सबसे बड़े दुश्मन चीन की मदद से हासिल किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2200 किमी तक है। इस तरह मिसाइल पूरे भारत को निशाना बना सकती है।
पाकिस्तानी मिसाइल एक साथ ले जा सकती है कई वारहेड
विशेषज्ञों के मुताबिक MIRV तकनीक की मदद से एक मिसाइल में कई वारहेड ले जाया जा सकता है। इसका फायदा यह होता है कि एक ही मिसाइल की मदद से विभिन्न लक्ष्यों को तबाह किया जा सकता है। माना जाता है कि पाकिस्तान की यह मिसाइल अपने साथ परमाणु बम ले जा सकती है। इस मिसाइल की मदद से एक व्यापक इलाके को तबाह किया जा सकता है। यही नहीं अगर कोई मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है तो उसे किसी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसे भारत के एस-400 या अमेरिका के थॉड सिस्टम की मदद से मार गिराना भी आसान नहीं होता है।
दरअसल, MIRV तकनीक से लैस मिसाइल बूस्ट होने के बाद अपने वारहेड को छोड़ती है जिससे उसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम से मार गिराने की संभावना कम हो जाती है। इसकी वजह यह है कि कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम एक-एक वारहेड को हवा में नष्ट करने का प्रयास करता है। अगर ज्यादा वारहेड होंगे तो एयर डिफेंस सिस्टम को बहुत मुश्किल होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ने एस-400 डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया है जो दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। यह एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ लगभग 30 हवाई लक्ष्यों को तबाह करने की ताकत रखता है।
क्या भारत का एस-400 सिस्टम पाकिस्तानी मिसाइल से ले पाएगा टक्कर?
यही नहीं एस-400 सिस्टम को आदेश मिलने के मात्र 10 मिनट के अंदर ही तैनात किया जा सकता है। उसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। इसकी रेंज 400 किमी है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत एस-400 की मदद से आसानी से पाकिस्तान की अबाबील मिसाइल को नष्ट कर सकता है और अपने बड़े शहरों की सुरक्षा कर सकता है। पाकिस्तान ने चीन से मदद लेकर अबाबील को इसलिए बनाया है ताकि उसकी मदद से भारत के एयर डिफेंस मात दिया जा सके। इसलिए यह मिसाइल भारत के लिए बड़ा खतरा है। यह खुलासा तब हुआ है जब पाकिस्तान का दोस्त चीन भी बड़े पैमाने पर मिसाइल साइलो बना रहा है। मिसाइल साइलो की मदद से किसी हमले की सूरत में मिसाइलों को बचाया जा सकता है।