चंबल नदी में किशोरी को खींच ले गया मगरमच्छ, बचाने गए पिता पर भी किया हमला, बकरी को पानी पिलाते हुआ हादसा

इटावा। चंबल सैंक्चुअरी क्षेत्र के ब्लाक बढ़पुरा के ग्राम खेड़ा अजबसिंह में चंबल नदी में बकरी को पानी पिलाने गई किशोरी को गुरुवार को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया। उसके साथ मौजूद पिता ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन मगरमच्छ किशोरी को नदी में खींच ले गया। पिता घायल हो गया। पुलिस ने चंबल सैंक्चुअरी के कर्मचारियों के साथ मोटरवोट से नदी में शाम तक खोजबीन की लेकिन किशोरी का पता नहीं चला।

ग्राम खेड़ा अजबसिंह निवासी किसान जगपत सिंह भदौरिया अपनी 14 वर्षीय पुत्री शालू को लेकर नदी किनारे बकरियों को पानी पिलाने के लिए लेकर गया था। बकरियों के साथ शालू भी नदी किनारे पहुंची थी तभी पानी में छिपे बैठे मगरमच्छ ने उस पर हमला बोल दिया। जगपत सिंह द्वारा उसे मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन उसे पूंछ मारकर घायल कर दिया और पुत्री के पैर को जबड़े में दबाकर नदी में खींच ले गया। मौके पर आसपास खड़े ग्रामीण चिल्लाए तो और लोग वहां पहुंचे तब तक मगरमच्छ पानी में गायब हो गया।

कक्षा 9 की छात्रा है किशोरी

शालू कक्षा 9 की छात्रा है और उदी के राजकीय कन्या इंटर कालेज में पढ़ रही थी। ग्राम प्रधान मुकेश भदौरिया द्वारा पुलिस को भी जानकारी दी गई। एसडीएम सदर राजेश कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे और पुलिस को किशोरी को खोजने के निर्देश दिए। थाना बढ़पुरा प्रभारी मुकेश कुमार सोलंकी ने चंबल सैंक्चुअरी के रेंजर हरिकिशोर शुक्ला के सहयोग से मोटरवोट को मंगवाया। मोटरवोट से पुलिस टीम द्वारा संभावित स्थानों पर खोजबीन की गई लेकिन पता नहीं चला।

दो वर्षों में तीन को निवाला बना चुके हैं मगरमच्छ

पिछले दो वर्षों में कई पशुओं के साथ तीन किशोरों को भी मगरमच्छ अपना निवाला बना चुके हैं। पिछले वर्ष स्नान करने गए दो किशोरों को मगरमच्छ अलग-अलग समय पर नदी में खींचकर ले गया था जबकि गुरुवार को किशोरी को खींचकर ले गया। मवेशियों पर आए दिन मगरमच्छ हमला करते रहते हैं। क्षेत्रीय लोगों को जानवरों को पानी पिलाने के लिए नदी तक जाना पड़ता है।

चंबल सैंक्चुअरी के रेंजर हरिकिशोर शुक्ला ने बताया कि नदी के क्षेत्र में घड़ियाल व मगरमच्छ का निवास है। घड़ियाल तो मछली का ही शिकार करते हैं मगरमच्छ किसी पर भी हमला कर सकते हैं। चंबल नदी किनारे के पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित किया गया है लेकिन फिर भी आसपास के ग्रामीण अनदेखी करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।

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