
गोवा, मणिपुर और मेघालय विधानसभा चुनाव में बड़ी पार्टी बनने के बाजवूद विपक्ष में आकर बैठी कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव नतीजे को भांपकर कि बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है लेकिन बिना किसी बहुमत के, ऐसे मे कांग्रेस ने बड़ी जल्दी में फैसला किया।
मंगलवार की सुबह ग्यारह बजे तक कांग्रेस को इस बात का पता चल गया कि सरकार बनाने के लिए जरूरी 112 के आंकड़े तक बीजेपी नहीं पहुंच पाएगी। जिसके बाद कुछ घंटे पहले तक जेडीएस को बीजेपी का बी टीम बता रही कांग्रेस ने उससे संपर्क किया।
सोमवार को बेंगलुरू पहुंचे कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और अशोक गहलोत फौरन एक्शन में आए। आज़ाद ने कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से बात की और दोनों ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन देकर कुमारस्वामी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने पर अपनी सहमति जताई।
पहचान उजागर ना करने की शर्त इस पूरे मामले से वाकिफ कांग्रेस नेता ने बताया- “पहली प्राथमिकता बीजेपी को सरकार बनाने से रोकना था और उसके लिए हम सभी जेडीएस को नेतृत्व की भूमिका देने को तैयार है।” इसके बाद सिद्दारमैया ने अपनी हाईकमान के फैसले के बारे में कुमारस्वामी को अवगत कराया।
एक अन्य कांग्रेस नेता जो इस पूरी प्लानिंग का हिस्सा थे उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बताया- “सिद्धारमैया ने इसे स्वीकार किया। वह जानते थे कि किसी व्यक्ति के अहं से ज्यादा बड़ा है किसी प्लान को रोकना। यह सर्वसम्मति का फैसला था। हम कल के अखबारों की हेडलाइन बदलना चाहते थे और उसमें हम सफल रहे। हमें किसी भी कीमत पर बीजेपी को रोकना था।”