
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार 21 जून यानी आज उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में पांच करोड़ से अधिक लोगों ने जोश और जुनून के साथ योगाभ्यास किया। लखनऊ में राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी योग किया। प्रयागराज में संगम तट पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने योग करने के साथ सभी को इसके फायदे भी गिनाए। इस दौरान संगम तट योगमय हो गया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पीएम मोदी जिन्होंने भारत की ऋषि परंपरा के इस उपहार को भारत नहीं बल्कि दुनिया में पहुंचाया है। दुनिया में 200 से अधिक देश योग के साथ भारत की ऋषि परंपरा और विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा होगा। भारत की विरासत पर गर्व की अनुभूति करनी चाहिए।
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर राजभवन में योगाभ्यास हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषि मुनि योग का अभ्यास करते और सिखाते थे लेकिन यह भारत तक ही सीमित था। आज सारे विश्व में लोग योगाभ्यास कर रहे हैं। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति इसके लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ एक दिन नहीं होना चाहिए। हर दिन कुछ समय निकालकर इसे जरूर करना चाहिए। आज तो प्रदेश में कई ऐसे स्थान बन चुके हैं जहां पर जाकर योगाभ्यास कर सकते हैं।
राज्यपाल ने स्कूलों में भी योगाभ्यास को शामिल करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमारे बचपन में ऐसे कार्यक्रम नहीं होते लेकिन दिनचर्या और आहार ऐसा था लोग स्वस्थ रहते थे। खेत में काम करने से लेकर पशुओं की सेवा तक के काम परिवार के लोग मिलकर करते थे। शुद्ध दूध, रोटी-सब्जी खाकर रोज 4 किलोमीटर चलकर स्कूल जाना और 4 किलोमीटर चलकर लौटना, यह प्रक्रिया चलती रहती थी। धीरे-धीरे करके शहरीकरण होने लगा और धीरे-धीरे सभी आदतें छूट गईं। अब लगता है कि परिवर्तन की आवश्कता है। थीम भी यही है-‘मानवता के लिए योग।’
राजभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधायक, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा, डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान के साथ राज्यपाल सचिवालय तथा मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी योग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 08वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की सभी प्रदेश वासियों एवं साधकों को हार्दिक बधाई! तन और मन की आरोग्यता सुनिश्चित करने व आध्यात्मिक चेतना की जागृति का माध्यम ‘योग’ आज ‘विश्व निधि’ बन चुका है। आइए, सभी लोग ‘योग करें, निरोग रहें!’
अंबेडकरनगर में अनिल राजभर, बाराबंकी में दिनेश प्रताप सिंह,सुल्तानपुर में विजय लक्ष्मी गौतम, प्रयागराज में बृजेश पाठक, मेरठ में योगेंद्र उपाध्याय, बुलंदशहर में दिनेश खटीक, गाजियाबाद में जितिन प्रसाद, हापुड़ में धर्मवीर प्रजापति, भदोही में अजीत सिंह, देवरिया में संजीव गौड़, बस्ती में अशीष पटेल, सिद्धार्थनगर में नितिन अग्रवाल, बरेली में लक्ष्मी नारायण चौधरी, बदायूं में जसवंत सैनी, पीलीभीत में नरेंद्र कश्यप, वाराणसी में जयवीर सिंह, चंदौली में संजय निषाद, गाजीपुर में सुरेश राही, जौनपुर में एके शर्मा, कानपुर देहात में गुलाब देवी, इटावा में संजय गंगवार, फर्रुखाबाद में सतीश चंद शर्मा, कन्नौज में मयंकेश्वर शरण सिंह, औरैया में प्रतिभा शुक्ला, झांसी में नंद गोपाल गुप्ता नंदी, जालौन में रामकेश प्रसाद, ललितपुर में मनोहर, लाल मैनपुरी में अरुण कुमार सक्सेना, मथुरा में राकेश राठौर गुरु, बहराइच में केपी मलिक, मुरादाबाद में धर्मपाल सिंह, संभल में अनूप प्रधान वाल्मीकि, अमरोहा में संदीप सिंह, भदोही में रविंद्र जायसवाल, अलीगढ़ में भूपेंद्र सिंह चौधरी, हाथरस में सोमेंद्र तोमर, मऊ में दया शंकर सिंह, सहारनपुर में बेबी रानी मौर्य, शामली में रजनी तिवारी, चित्रकूट में बृजेश सिंह मौजूद हैं।