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भुज में बोले पीएम मोदी- देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिशें की गईं

भुज में बोले पीएम मोदी- देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिशें की गईं

Network Today

भुज में बोले पीएम मोदी- देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिशें की गईं
प्रधानमंत्री ने आज 2001 में गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाए गए भुज स्मृति वन मेमोरियल का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे, प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था कि साजिशों का दौर शुरु हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं।

कच्छ का विकास सबके प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है- प्रधानमंत्री मोदीदेश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिशें की गईं- प्रधानमंत्री मोदी जब कच्छ में भूकंप जब आया था तब मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था- प्रधानमंत्री मोदी

भुज: गुजरात यात्रा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने भुज में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भुज स्मृति वन मेमोरियल का भी उद्घाटन किया जिसे 2001 में गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है।

इस दौरान 2001 में भुज में आए भूकंप को याद करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा, “26 जनवरी का वो दिन जब कच्छ में भूकंप जब आया था, तब मैं दिल्ली में था। कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन मैंने तय किया कि मैं इस दुख की घड़ी में आप सभी के बीच में रहूंगा। जो भी संभव होगा मैं आपके दुख में हाथ बंटाने का प्रयास करूंगा। आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुजियो डूंगर में स्मृति वन मेमोरियल और अंजार में वीर बालक स्मारक का लोकार्पण कच्छ की,गुजरात की पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने भी इसके ईट पत्थरों को सींचा है।”

इस दौरान 2001 में भुज में आए भूकंप को याद करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “26 जनवरी का वो दिन जब कच्छ में भूकंप जब आया था, तब मैं दिल्ली में था। कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन मैंने तय किया कि मैं इस दुख की घड़ी में आप सभी के बीच में रहूंगा। जो भी संभव होगा मैं आपके दुख में हाथ बंटाने का प्रयास करूंगा। आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुजियो डूंगर में स्मृति वन मेमोरियल और अंजार में वीर बालक स्मारक का लोकार्पण कच्छ की,गुजरात की पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने भी इसके ईट पत्थरों को सींचा है।”

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