
कानपुर । बुधवार को सेट्रल बैंंक के लॉकर चोरी मामले में आखरी पीड़ित सीता गुप्ता ने भी न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अभिमन्यु गुप्ता के साथ रीजनल ऑफिस में डिप्टी आर एम से 17.50 की डीडी प्राप्त की। बैंक ने अन्य 10 पीड़ित परिवारों को मंगलवार को पहले ही 2 करोड़ 47 लाख की डीडी सौंप दी थी। बैंक ने वादे अनुसार सभी को पूरा मुआवजा दे दिया।
सेंट्रल बैंक लॉकर चोरी मामले में 25 अप्रैल को बैंक व न्याय संघर्ष समिति के बीच लखनऊ में तय मसौदे के तहत मंगलवार को पांडू नगर रीजनल कार्यालय में 11 में से 10 पीड़ितों को मुआवजा राशि की 2 करोड़ 48 लाख की डीडी सौंपी गईं। वहीं कागजी कमी की वजह से पीड़ित सीता गुप्ता व शिवशंकर लाल गुप्ता मुआवजे के 17 लाख 50 हजार प्राप्त नहीं कर पाए थे। बुधवार सुबह न्याय संघर्ष समिति के संयोजक व व्यापारी नेता अभिमन्यु गुप्ता के साथ पीड़ित सीता गुप्ता बैंक पहुंची और वहां अभिमन्यु गुप्ता ने सभी दस्तावेज पूरे करवाकर उनके मुआवजे की डीडी दिलवाई।
डीडी पाकर हुए भावुक पीड़ित, गले लगाकर दिया आशीर्वाद
डीडी पाकर सीता गुप्ता व उनके पति शिव शंकर लाल गुप्ता भावुक हो गए और गले लगाकर अभिमन्यु गुप्ता को आशीर्वाद व धन्यवाद दिया। सीता गुप्ता ने कहा की जब से लॉकर देखा तब से न चैन था न सुकून। 350 ग्राम सोना गायब हुआ था।सपने में भी कल्पना नहीं की थी की पूरे 350 ग्राम सोने की भरपाई बैंक द्वारा हो पाएगी।सीता गुप्ता ने कहा की कोई उम्मीद नहीं रह गई थी पर केवल न्याय संघर्ष समिति की वजह से यह नामुमकिन सा दिखने वाला काम मुमकिन हो पाया। अभिमन्यु गुप्ता के साथ अमित चढ्ढा भी मौजूद थे।
बैंक ने पेश की मिसाल, पूरे देश के लिये उदाहरण
इस मौके पर अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की लोगों ने बैंक को देख कर लॉकर लिए और अपनी जीवन भर की जमा पूंजी को बैंक में रखने की हिम्मत की। आज जिस तरह से बैंक लौकरों में चोरी हुई और जिस तरह से आंदोलन की वजह से बैंक ने त्वरित कार्यवाही करते हुए नुकसान की भरपाई की,यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है।बैंक ने साबित कर दिया की बैंक ही लोगों की जमा पूंजी सुरक्षित रखने के लिए सबसे बेहतर स्थान है। बैंक ने 48 घंटे में वादे अनुसार पूरा 2 करोड़ 64 लाख 50 हजार देकर मानवीयता व बैंकिंग विश्वसनीयता की मिसाल पेश की।