Trending

Russia on UNSC Reform: रूस ने चीन के सामने भारत के लिए कर दिया बहुत बड़ा ऐलान, सब रह गए दंग

 Russia on UNSC Reform: रूस (Russia) ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. इसके साथ ही उसने इस दौड़ में भारत के साथ चल रहे दो देशों को समर्थन देने से अपना इनकार भी दोहराया है।

Network Today

Russia on UNSC Reform: यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे रूस (Russia) ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. रूस ने कहा कि वह परिषद में स्थाई सदस्य (UNSC Reform) के लिए भारत (India) और ब्राजील की दावेदारी की दावेदारी पर सहमत है. लेकिन वह इसके लिए जर्मनी और जापान को समर्थन नहीं देगा. चीन में रूस के राजदूत एंड्री डेनिसोव ने सोमवार को यह बात कही.

 

सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत

बीजिंग में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र विश्व शांति मंच के पूर्ण सत्र का आयोजन हुआ. इस सत्र में डेनिसोव ने कहा कि सुरक्षा परिषद पश्चिमी देशों के प्रचार का अड्डा बनकर रह गए है. यह एक ऐसी जगह बन गई है जहां पश्चिमी देश अपने विचारों को अंतिम सत्य के रूप में प्रस्तुत करते हुए प्रचार करते हैं. इसलिए अब सुरक्षा परिषद में सुधार (UNSC Reform) की तत्काल जरूरत है.

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव (फोटो साभार-ANI)

जर्मनी-जापान को समर्थन नहीं

रूसी (Russia) राजदूत ने कहा कि उनका देश व्यापक सहमति के आधार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC Reform) की संरचना का विस्तार करने के पक्ष में है. ऐसा करने के लिए अफ्रीकी, एशियाई और लैटिन अमेरिकी राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील की सदस्यता को समर्थन देने के लिए रूस तैयार है लेकिन जर्मनी और जापान के लिए नहीं. इसकी वजह ये है कि इन देशों के स्थाई सदस्य बनने से परिषद का आंतरिक संतुलन नहीं बदलेगा और वह ज्यों का त्यों बना रहेगा.

भारत दुनिया से मांग रहा अपना हक

बताते चलें कि भारत (India) दुनिया की नई महाशक्ति के रूप में उभरने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए भारत की ओर से सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता की लंबे समय से मांग की जाती रही है. अपनी मांग पर बल देने के लिए भारत ने जापान, जर्मनी, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर अस्थाई गठबंधन बना रखा है. इस गठबंधन के तहत सभी देश एक-दूसरे देश की दावेदारी को समर्थन देते हैं.

चीन बना हुआ है भारत की राह का रोड़ा

परिषद का स्थाई सदस्य बनने के लिए उसके पांचों परमानेंट मेंबर का समर्थन मिलना जरूरी है. भारत (India) को परिषद के स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस का समर्थन हासिल है हालांकि चीन ने अभी अड़ंगा लगा रखा है. उसने इस मुद्दे पर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं और वह इसे अधिक चर्चा की आड़ में लंबे वक्त तक लटकाए रखना चाहता है. हालांकि ड्रैगन की परवाह किए बगैर भारत लगातार दुनिया के शक्तिशाली देशों पर दबाव बनाए हुए है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button