
कानपुर में हुई हिंसा में एसआईटी का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसके तहत बाबा बिरयानी के मालिक मुख़्तार बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अन्य संदिग्धों पर भी जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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जी पी अवस्थी, विशेष संवाददाता
कानपुर :-नई सड़क पर हुए उपद्रव के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी से कस्टडी रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में मुख्तार बाबा से कनेक्शन सामने आया है।
जब पुलिस ने उसकी कुंडली खंगाली तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए पुख्ता जानकारी के बाद एसआईटी द्वारा मुख्तार बाबा को अरेस्ट कर लिया है।

तीन जून को जुमा की नमाज के बाद दुकानें बंद को लेकर विवाद के बाद पथराव, बमबाजी हुई थी। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी ईंट-पत्थर चलाए थे। पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज करने के साथ 57 लोगों की गिरफ्तारी की है।
पुलिस ने उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के साथ जावेद मोहम्मद खान, मोहम्मद राहिल, मोहम्मद सूफियान को 52 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की, जिसमें हयात के संबंध मुख्तार बाबा से होने की जानकारी मिली थी जिसकी बिरयानी की दुकान है, लेकिन जांच में सामने आया है कि वह विवादित और शत्रु संपत्तियां खरीदता था। उन्हें खाली कराने में वह डी-टू गिरोह के गुर्गों की मदद लेता था।

पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि कानपुर के बेकनगंज में जो जगह सरकारी रिकॉर्ड में राम-जानकी मंदिर के तौर पर दर्ज है, वहाँ आज बाबा बिरयानी नाम से रेस्टोरेंट की चल रहा है उंसके बाद शहर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद जो हिंसा भड़की थी, उस दिन पत्थरबाजों को बिरयानी खिलाई गई थी। सूत्रों के अनुसार इसकी सप्लाई बाबा बिरयानी ने ही की थी। दरअसल 3 जून को हुई हिंसा में कम उम्र के बच्चों द्वारा पथराव के CCTV फुटेज सामने आए थे। ताजा खुलासे के मुताबिक आरोपितों को न सिर्फ कुछ बिल्डरों द्वारा फंडिंग की गई बल्कि शहर की चर्चित और विवादित बाबा बिरयानी की भी हिंसा में संलिप्तता थी। आरोप है कि बाबा बिरयानी ने न सिर्फ हिंसा के लिए फंड जुटाए, बल्कि पथराव से पहले हमलावरों को बिरयानी भी खिलाई थी। बाबा बिरयानी के मालिक का नाम मुख्तार अहमद बाबा है। उस पर मंदिर की जमीन को कब्ज़ा कर वहाँ बिरयानी की दुकान खोल लेने के आरोप पहले से हैं। मुख़्तार कभी राम-जानकी मंदिर के एक हिस्से में साइकिल रिपेयरिंग का काम करता था