
Network Today
कानपुर परेड नई सड़क पर उपद्रव के बाद गिरफ्तार मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी से जुड़े बिल्डरों पर केडीए ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस बल की मौजूदगी में टीम ने हाजी वसी की इमारत समेत तीन निर्माण सील किए हैं।
कानपुर।नई सड़क उपद्रव में पुलिस की जांच में आए बिल्डर मोहम्मद इश्तियाक के बाद अब बेकनगंज के बिल्डर हाजी वसी पर शिकंजा कसने लगा है। रविवार को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने परेड, चमनगंज और चकेरी में तीन निर्माणाधीन इमारतों को सील कर दिया। इनमें से चकेरी की इमारत हाजी वसी के नाम है, जबकि अन्य दोनों बिल्डिगों में उसका धन लगा होने की बात सामने आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि उपद्रव के मास्टर माइंड जफर हयात हाशमी ने भी हवाला की कमाई लगायी है। पुलिस दोनों तथ्यों की जांच कर रही है।
कानपुर विकास प्राधिकरण की टीम रविवार की दोपहर दो बजे सद्भावना चौकी पर पहुुंची। कुछ देर बाद ही रैपिड एक्शन फोर्स की एक कंपनी और भारी संख्या में पुलिस बल भी आ गया। पुलिस ने सद्भावना चौकी से सटे हाता विश्वनाथ खत्री में निर्माणाधीन सलीम उर्फ जानी वाकर के नाम से भू-अभिलेखों में दर्ज निर्माणाधीन इमारत सील कर दी। छह मंजिला इमारत चंद्रेश्वर हाता के पीछे कुछ दूरी पर है।
इसके बाद फोर्स चमनगंज गुरुद्वारा के पास पहुंची, यहां भी तीन मंजिला निर्माणाधीन इमारत को सील कर दिया। यह इमारत भू-अभिलेखों में एचएस मलिक के नाम दर्ज है। यहां से केडीए की टीम और पुलिस बल जाजमऊ स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम पहुंची। यहां पास में ही दुकान निर्माण का कार्य हो रहा था, यह भूमि अभिलेखों में हाजी वसी व शबी के नाम पर है।
फर्जी बोर्ड लागकर कर रहे थे निर्माण : चमनगंज में जो निर्माण चल रहा था, उसके बाहर एक बोर्ड लगा था, जिसपर लिखा है कि कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र। नीचे मानचित्र स्वीकृत होने का नंबर केडीए-बीपी-21-22/0655 दर्ज है। इसके अनुसार यह मानचित्र 29 अक्टूबर 2021 को जारी हुआ था।
1937 में बना था हाता विश्वनाथ खत्री : परेड स्थित हाता विश्वनाथ खत्री में कभी पूरी बस्ती हिंदुओं की थी, अब यहां केवल दो हिंदू परिवार रहते हैं। हाता के बाहर लिखा हुआ है, हाता विश्वनाथ खत्री 1937। यानी हाते का निर्माण 83 साल पहले हुआ था। स्थानीय लोग बताते हैं कि हाते के स्वरूप का बदलाव बीते 25 वर्षों के अंतराल में हुआ।