
कानपुर के घंटाघर के पास सुतरखाना में रविवार शाम को एक जर्जर दो मंजिला बिल्डिंग का अगला हिस्सा ढह गया। यहां रहने वाला दिव्यांग बुजुर्ग मलबे में दब गया। करीब तीन घंटे के रेस्क्यू के बाद जब उसे निकाला गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बिल्डिंग के पड़ोस में बने होटल में खाना खा रहे तीन युवक भी चपेट में आकर घायल हो गए। उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मलबा हटाने का काम देर रात तक जारी रहा।
हरबंश मोहाल इंस्पेक्टर ने बताया कि गनीमत रही कि पूरी बिल्डिंग नहीं ढही। इस वजह से पीछे का हिस्सा सुरक्षित रहा। बिल्डिंग के दूसरी साइड भी एक गेट है। फंसे लोगों को पुलिसकर्मियों ने दूसरे गेट से बाहर निकाला। करीब 25-28 लोगों को बाहर निकाला गया। वहीं, सुतरखाना, घंटाघर में बिल्डिंग ढहने का पता चलते ही नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता आरके सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पुलिसटीम ने बिल्डिंग में फंसे लोगों को बाहर निकाला
घंटाघर के पास सुतरखाना में वक्फ बोर्ड की जमीन पर तीन मंजिला पुरानी जर्जर बिल्डिंग है। इस जर्जर बिल्डिंग में दिलशाद, जावेद, नफीस, शहंशाह, चांदनी, बृजेंद्र अपने परिवार के साथ रहते हैं। बिल्डिंग में ही नीचे एक ताज मुस्लिम नाम से होटल बना हुआ है। रविवार रात 8 बजे करीब जर्जर बिल्डिंग का अगला हिस्सा भरभरा कर ढह गया। मलबे में नीचे होटल में बैठे आवास विकास निवासी बृजेंद्र, शहजादे और कुली बाजार निवासी मजहर आलम घायल हो गए। जबकि बिल्डिंग में रहने वाले बुजुर्ग एक हाथ से दिव्यांग नफीस (65) मलबे में दब गए। वहीं सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने फंसे लोगों को दूसरे गेट से बाहर निकाला।
25 जुलाई को ढहाया जाएगा मकान
सुतरखाना, घंटाघर में बिल्डिंग ढहने का पता चलते ही नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता आरके सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिशासी अभियंता ने बताया कि बिल्डिंग का लगभग आधा हिस्सा ढहा है। शेष हिस्सा भी किसी भी समय गिर सकता है। इसलिए पूरी बिल्डिंग को 25 जुलाई को सुबह गिरवाया जाएगा।