IPS देवेंद्र सिंह चौहान बने यूपी के कार्यवाहक डीजीपी, योगी सरकार ने जारी किया आदेश

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी देवेंद्र सिंह चौहान को राज्य का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने गुरुवार को जारी एक आदेश में बताया कि वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी चौहान को पुलिस महानिदेशक के पद पर स्थाई नियुक्ति होने तक राज्य के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. इसके साथ चौहान को तेजतर्रार अधिकारी माना जाता है.

इसके अलावा अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि चौहान पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) का दायित्व भी संभालते रहेंगे. प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को बुधवार को कर्तव्य के प्रति लापरवाही के आरोप में हटाकर महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) के पद पर भेजा गया था.

यूपी के आईपीएस अधिकारियों में यह चर्चा हो गई शुरू
डीजीपी की तैनाती के नियमों की बात करें तो उसमें सीनियर मोस्ट तीन अधिकारियों के नाम पर यूपीएससी पैनल बनाकर विचार करता है.आज की सीनियरिटी लिस्ट की बात करें तो डॉक्टर डीएस चौहान उसमें चौथे नंबर पर आते हैं. पहले नंबर पर आरपी सिंह, दूसरे नंबर पर गोपाल लाल मीणा और तीसरे नंबर पर आरके विश्वकर्मा आते हैं, लेकिन गोपाल लाल मीणा का रिटायरमेंट जनवरी 2023 में और आरपी सिंह का रिटायरमेंट फरवरी 2023 में है. डीजीपी की नियुक्ति के नियमों की बात करें तो डीजीपी वही अधिकारी बनता है जिसकी नौकरी कम से कम 6 महीने की बची हो. अब यदि अगस्त में सीनियरिटी लिस्ट बनती है तो गोपाल लाल मीणा रिटायरमेंट के 6 महीने के नियम के चलते डीजीपी की दौड़ से बाहर हो जाएंगे और डॉक्टर डीएस चौहान टॉप थ्री में आ जाएंगे. माना जा रहा है कि जुलाई 2022 तक चौहान को प्रभारी डीजीपी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा और अगस्त 2022 की सीनियरिटी लिस्ट में वह खुद डीजीपी पद के लिए सीनियरिटी लिस्ट में टॉप थ्री में आ जाएंगे, जिसके बाद उनको फुल टर्म डीजीपी बनाया जा सकता है.

जाने कौन हैं देवेंद्र सिंह चौहान
देवेंद्र सिंह चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं. इससे पहले वह डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. चौहान का रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है. जानकारी के मुताबिक, चौहान की गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के भरोसेमंद अफसरों में होती है. हालांकि इस यूपी की डीजीपी पोस्‍ट के लिए ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह, डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा, डीजी राज्य मानवाधिकार आयोग के पद पर तैनात गोपाल लाल मीणा और डीजी जेल आनंद कुमार के बीच रेस थी, जिसमें देवेंद्र सिंह चौहान ने बाजी मार ली है.

मुकुल गोयल पर क्‍यों गिरी गाज?
योगी सरकार ने यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और कार्यों में ढिलाई के चलते हटाया गया है. इसके साथ अब उनको डीजीपी पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है. बता दें कि मुकुल गोयल ने पुलिस महानिदेशक का पद 2 जुलाई 2021 संभाला था. वह 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इससे पहले बीएसएफ में अपर पुलिस महानिदेशक अफसर के पद पर थे. इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का डीजीपी नियुक्त किया गया था. गोयल की पहली तैनाती बतौर एएसपी नैनीताल में हुई थी. वहीं, प्रोबेशन के बाद वे एसपी सिटी बरेली नियुक्त किए गए थे और कप्तान के तौर पर उनका पहला जिला अल्मोड़ा था. इसके बाद वे जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ के कप्तान भी रहे. इसके साथ ही ईओडब्‍ल्यू और विजिलेंस में भी एसपी के पद पर तैनात रहे थे.

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