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PM Narendra Modi, INS Vikrant, First Indian Aircraft Carrier: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को केरल के कोचीन शिपयार्ड (Cochin shipyard ) में भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत (Indigenous Aircraft Carrier ) ‘आईएनएस विक्रांत’ (INS Vikrant) को भारतीय नौसेना को सौंपा. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं. इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज ‘विक्रांत’ के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी.
नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शामिल हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोचीन में आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित कर दिया. कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है. INS Vikrant के नौसेना में शामिल होने से कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard Ltd) के शेयर में 4% तक तेजी दर्ज की गई.
52 हफ्ते की नई ऊंचाई पर Cochin Shipyard का स्टॉक
INS Vikrant को कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किया गया है. इस विमान वाहक पोत को बनाने में 20 हजार करोड़ रुपये लगे हैं. नौसेना में शामिल होने की खबर से आज Cochin Shipyard के शेयरों में तेजी आई. BSE पर शेयर 3.9 फीसदी चढ़कर 394.15 रुपये पर पहुंचा. यह 52 हफ्ते का नया हाई है.
INS विक्रांत की ताकत :
यह दुनिया के 10 सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट में से एक है। इस एयरक्राफ्ट से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकती हैं। INS विक्रांत पर चार AK 630 CIWS प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी हैं, जो टारगेट की दिशा में घूमकर 10 हजार राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर सकती है। इसके अलावा MiG-29K फाइटर जेट्स, MH-60R मल्टीरोल नेवल हेलिकॉप्टर, ALH Dhruv और कामोव केए-31 AEW हेलिकॉप्टर सहित 30 से 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं।

INS विक्रांत की क्षमता :
INS विक्रांत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है। यह 30 से 35 एयरक्राफ्ट लेकर चल सकता है। इसका कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ है। इसकी अधिकतम गति 52 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसकी स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर जबकि सेलिंग रेंज 15 हजार किमी है। इस एयरक्राफ्ट पर हर समय 1500 से 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे।
INS विक्रांत की खासियत :
INS विक्रांत पर 4 LM-2500 गैस टर्बाइन्स लगे हैं, जिनसे 88 मेगावाट बिजली पैदा होती है। INS विक्रांत पर बना किचन इतना अत्याधुनिक है कि यहां पूरे दिन में 5000 थाली भोजन तैयार किया जा सकता है। इसमें खाना बनाने के लिए ऑटोमेटिक मशीनें लगी हैं। इसके अलावा इसमें मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भी है। इसकी ख़ास बात यह भी है कि एक बार ईधन भरने पर यह 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है। इसमें बीच समुद्र में भी ईधन भरा जा सकता है। यानी आप इसे चलता फिरता शहर भी कह सकते हैं।