भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होगा आइआइटी कानपुर का ‘विभ्रम’, अपनी तकनीक की खासियत से बनाई पहचान

कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की इन्क्यूबेटेड कंपनी एंड्योर एयर की ओर से तैयार किए गए सबसे उम्दा ड्रोन (मानव रहित विमान) विभ्रम को भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने अपने बेड़े में शामिल किया है। छह व सात मई को ऊधमपुर में आयोजित हो रहे उत्तरी कमान के नार्थटेक सिंपोजियम 2022 में इस ड्रोन को प्रमुख स्वदेशी तकनीक के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है। आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि संस्थान के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अभिषेक व एंड्योर एयर की टीम ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व विभ्रम को बनाया था। छोटे हेलीकाप्टर के आकार में बनाया गया यह पहला एेसा ड्रोन है, जो सर्विलांस के साथ ही अधिकतम दूरी तक पांच किलोग्राम से ज्यादा सामान भी ले जाने में सक्षम है। पिछले वर्ष इसी ड्रोन ने अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलाजी की आनलाइन प्रतियोगिता में भी लगातार तीन पुरस्कार हासिल किए थे। इस मुकाबले में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, चीन, इजराइल, इंग्लैंड, फ्रांस आदि देशों के भी यूएवी (मानव रहित विमान) शामिल हुए थे।

अब भारतीय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख कार्यक्रम नार्थटेक सिंपोजियम में भी इसे प्रदर्शित किया जा रहा है। यह ड्रोन इलेक्ट्रिक और पेट्रोल इंजन वर्जन में बनाया गया है और असाधारण क्षमता का है। आंधी, तूफान व बिगड़ते मौसम में भी यह ऊंची पहाड़ियों, मैदानों व लंबी दूरी तक निगरानी करने और सामान ले जाने में सक्षम है। इसकी मदद से आपातकालीन सहायता पहुंचाना भी आसान होगा।

स्वदेशी तकनीक से लैस हो रही उत्तरी कमान : भारतीय सेना की उत्तरी कमान पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों सहित जम्मू-कश्मीर में काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म आपरेशंस में प्रमुख आपरेशनल कमांड है। देश की सीमाओं पर निगरानी के लिए उत्तरी कमान को विशेष उपकरणों की जरूरत है। इसी क्रम में उत्तरी कमान ने स्वदेशी तकनीक से उन्नत प्रणालियों के विकास, निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है।

क्या है नार्थ टेक सिंपोजियम : उत्तरी कमान का नार्थटेक सिंपोजियम उधमपुर में आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान के प्रसार के लिए अवसर प्रदान करता है। यह सिंपोजियम उत्तरी कमान में बाद के परीक्षणों और तकनीक व उत्पादों को शामिल करने का अवसर देगा। माना जा रहा है कि सिंपोजियम के बाद आइआइटी के ड्रोन विभ्रम को भी सेना के बेड़े में शामिल किया जा सकता है।

18 हजार फीट ऊंचे पहाड़ों में करेगा निगरानी : प्रो. ने बताया कि विभ्रम का इलेक्ट्रिक वर्जन 18 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ सकता है और कैमरों की मदद से सर्विलांस करने में सक्षम है। पेट्रोल इंजन वर्जन का 12500 फीट की ऊंचाई तक ट्रायल हो चुका है। इंजन वर्जन में इलेक्ट्रानिक फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम है और आवाज रोकने के लिए साइलेंसर लगाया गया है। यह सर्विलांस के साथ ही भूमि पर चार किलो और पहाड़ों पर तीन किलो भार ले जा सकता है।

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