
उत्तरकाशी सुरंग हादसा: टनल में 12वे दिन रेस्क्यू जारी , अब आखिरी स्टेज में पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन, जल्द बाहर आ सकते हैं मजदूर
पीएम मोदी की नजर, सीएम पुष्कर धामी से ली जानकारी , सीएम धामी ने मजदूरों के परिजनों से की बात जल्द ही निकाले जायेगे मजदुर
Network Today
011:10 AM Nov 23, 2023 |
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। जहा टनल धसने की वजह से दिवाली के दिन से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। पल-पल ड्रिलिंग करते हुए टनल के भीतर बचाव कर्मियों, रेस्क्यू अभियान को लीड कर रहे अधिकारियों की खुशी की वजह से धड़कने बढ़ रही हैं। वहीं बाहर खड़े मजदूरों के परिजन, उनके साथी, तमाम बचावकर्मियों से लेकर मीडिया के लेाग भी बाहर बैचेन हैं कि आखिर कब सुरंग से खुशखबरी बाहर आएगी। टनल में 12वे दिन रेस्क्यू जारी है अब आखिरी स्टेज में पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन, जल्द बाहर आ सकते हैं मजदूर , मौके पर पहुचे सीएम पुष्कर धामी।
पीएम मोदी की नजर, सीएम पुष्कर धामी से ली जानकारी , सीएम धामी ने मजदूरों के परिजनों से की बात जल्द ही निकाले जायेगे मजदूर।
उत्तरकाशी सुरंग हादसे (Uttarkashi tunnel accident updates) में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास चल रहा है. मजदूरों को बाहर निकालने में जल्द ही सफलता मिल सकती है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
बयान के मुताबिक, सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का अभियान अब अपने आखिरी चरण में है. बहुत ही जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. मौके पर NDRF की टीम तैनात कर दी गई है. सुरंग के पास एक एंबुलेंस भी खड़ी की गई है. मजदूरों को बाहर निकालने के बाद उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी. इसके लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में डॉक्टर्स की एक टीम तैयार की गई है।

ANI ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि बचाव दल 23 नवंबर की सुबह तक मजदूरों तक पहुंच जाएगा. अधिकारी ने कहा है कि 44 मीटर का पाइप सुरंग के अंदर डाला जा चुका है. हरपाल सिंह नाम के एक बचाव अधिकारी ने ANI को बताया कि सुबह 8:30 बजे तक मजदूरों तक पहुंचने की संभावना है.
हालांकि, ड्रिलिंग के दौरान मलबे में स्टील की कुछ छड़ें मिली थीं, जिन्हें ड्रिलिंग मशीन काट नहीं पाई. अब इस समस्या से निजात पा ली गई है. इंडिया टुडे से जुड़े आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार, सलाखों को काटने के स्पेशल कटर के साथ गैस कटर का इस्तेमाल किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, 6 से 8 मीटर का दायरा और बाकी है. ड्रिलिंग मशीन को ठंडा होने का समय दिया गया है. दिल्ली से कुछ तकनीकी विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है