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हिमाचल प्रदेश।दुनियाभर में कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर दहशत है. जिसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी बैठक की है. बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव सुभाशीष पांडा ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है लेकिन कोरोना से जुड़ी सावधानियां बरतनी होगी. इस बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए हैं. ‘
सुभाशीष पांडा ने कहा कि केंद्र के निर्देशों के बाद राज्य में जीनोम टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य केंद्रों को रेपिड, एंटीजेन की बजाय ज्यादा से ज्यादा RTPCR टेस्ट करने के आदेश दिए गए हैं. जिससे जीनोम सीक्वेंसिंग में मदद मिलेगी. इसके अलावा दूर दराज के इलाकों से सैंपल लाने के लिए सार्वजनिक परिवहन की मदद ली जाएगी.
मास्क पहनें और हल्के लक्षणों को अनदेखा ना करें- स्वास्थ्य सचिव ने टेस्टिंग बढ़ाने के अलावा लोगों से अपील की है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और मास्क पहनें. इसके साथ ही खांसी जुखाम जैसे हल्के लक्षणों को अनदेखा ना करें. खांसी-जुखाम मौसमी हो सकते हैं लेकिन इन्हें हल्के में ना लें.
पाबंदियां लगानी जरूरी नहीं- स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कहा है. सुभाशीष पांडा ने कहा कि पाबंदियां लगाना या जबरदस्ती टेस्ट करवाने जैसी कोई जरूरत नहीं है. हिमाचल में कोरोना की लहर के दौरान भी पर्यटक आते रहे हैं क्योंकि हिमाचल सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया था और टेस्टिंग बढ़ाई थी. अगर हिमाचल में कोविड की लहर की परिस्थिति आती है तो हिमाचल प्रदेश का हेल्थ सिस्टम पूरी तरह तैयार है. ऑक्सीजन से लेकर, वार्ड और वेंटिलेटर से लेकर टेस्टिंग और इलाज की पूरी व्यवस्था है. इसलिए हल्के लक्षण होने पर टेस्ट जरूर कराएं और बूस्टर डोज़ लें साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मास्क जरूर पहनें.
बूस्टर डोज़ जरूर लें- सुभाशीष पांडा ने कहा कि शुरुआत में लोगों ने बढ़ चढ़कर टीकाकरण करवाया लेकिन कोरोना के मामले कम होते ही वैक्सीनेशन की ओर भी लोगों का रुझान कम हो गया. उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्रिकॉशन डोज़ जरूर लें. वैक्सीनेशन से बीमारी बढ़ती नहीं है और मौतों का आंकड़ा भी कम होता है.