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कानपुर के अंतर्राज्यीय बस अड्डे का जल्द ही स्वरूप बदलेगा. 143 करोड़ की लागत से बस अड्डे की बदहाल सूरत बदलेगी. परिवहन विभाग ने पीपीपी मॉडल के तहत झकरकटी बस अड्डे का कायाकल्प करने की योजना की शुरुआत की है. यहां पर 143 करोड़ की लागत से अंतर्राज्यीय बस अड्डे की तरह यात्रियों को सुविधा मिलेंगी. इसके लिए इच्छुक कंपनियों से परिवहन विभाग ने टेंडर मांगे हैं. यहां पर यात्रियों को सफर के साथ ही शापिंग कॉम्प्लेक्स और सिनेमाघर के साथ ठहरने के लिए रिटायरिंग रूम भी उपलब्ध होंगे.
शहर में 22000 स्क्वॉयर मीटर में स्थित झकरकटी बस अड्डे में 30 फीसदी क्षेत्रफल यानी 6622 स्क्वायर मीटर में कवर्ड एरिया होगा. इसमें से 55 फीसदी हिस्सा रोडवेज बसों का संचालन करने के लिए रिजर्व होगा, जबकि 45 फीसदी इलाका कॉमर्शियल उपयोग वाला होगा. इसमें खानपान, रोडवेज कार्यालय, फूड कॉम्प्लेक्स, कैंटीन और अन्य चीजें होंगी.
इसके साथ ही खुले हुए 15378 स्क्वायर फुट एरिया में रोडवेज बसों के संचालन के लिए प्लेटफार्म बनाये जाएंगे. वहीं 6900 वर्गमीटर की जगह का इस्तेमाल कॉमर्शियल काम के लिए होगा. रोडवेज अफसरों के मुताबिक लीज पर दिए जाने वाले बस अड्डे के व्यवसायिक उपयोग के एवज में सालाना 1.3 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. इसमें हर तीन साल में दस फीसदी राशि की बढ़ोतरी होगी.
झकरकटी बस अड्डा नया बनने के बाद इसका निर्माण करने वाली कंपनी 35 साल तक बिल्डिंग और अन्य चीजों की देखरेख करेगी. इसके पीछे विभाग की मंशा है कि कांट्रेक्टर को भी लाभ मिले और इमारत भी लंबे समय तक मेनटेन रहे. इस कारण प्रबंधन ने लंबे समय तक मरम्मत का काम देने का फैसला किया है. रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार का कहना है कि झकरकटी बस अड्डे के आधुनिकीकरण के लिए कंपनियों से टेंडर मांगे गए हैं. बस अड्डे की डिजाइन ऐसी होगी कि बस अड्डा शहर की बेहतरीन इमारतों में पहचाना जाएगा.