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कानपुर ज्योति हत्याकांड के आठ साल पुराने चर्चित मामले में शुक्रवार को अपर जिला जज अजय कुमार त्रिपाठी ने मृतका ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, पीयूष की प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के ड्राईवर अवधेश चतुर्वेदी, रेनू कनौजिया, सोनू कश्यप और आशीष कश्यप को उम्रकैद की सजा सुना दी। सभी को गुरुवार न्यायालय ने दोषी करार दिया था। न्यायिक हिरासत में लेने के बाद न्यायालय ने सभी को जेल भेज दिया।
अपर जिला जज अजय कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में शुक्रवार को अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता दोपहर करीब 12 बजे कोर्ट पहुंचे। सजा के बिंदु पर पहले बचाव पक्ष ने कम से कम देने की बात कही तो अभियोजन की ओर से विरल से विरलतम का तर्क देते हुए फांसी की सजा देने की मांग की गई।
दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुनाने के लिए जेल से आरोपितों को तलब कर लिया। दोपहर करीब 1:22 बजे मनीषा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया। इसके बाद एक एक कर अन्य अभियुक्तों को लाया गया। न्यायालय ने सभी की उपस्थिति के बाद सजा सुनाई।
हत्या, हत्या की साजिश और साक्ष्य मिटाने में दोषी करार दिए गए थे
डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी ने बताया सभी को हत्या, साक्ष्य मिटाने और षड़यंत्र का दोषी पाया गया था। आरोपित रेनू और सोनू के पास से चाकू बरामद हुआ था इसलिए दोनों को आयुध अधिनियम के तहत भी दोषी करार दिया गया था। पुलिस को घटना की जानकारी न देने के आरोप में पीयूष की मां पूनम भाई कमलेश और मुकेश श्यामदासानी को आइपीसी की धारा 202 के तहत आरोपित किया गया था लेकिन न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में तीनों को बरी कर दिया था।