
कानपुर। दिवाली से पूर्व कानपुर शहर में पटाखा दुकानदारों के लिए प्रशासन की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं दस शर्तें पूरी करने वालों को ही लाइसेंस मिलेगा। पटाखा की दुकानें आबादी से एक निर्धारित दूरी पर ही लगाई जाएंगी। वहीं, दूसरी ओर पटाखा प्रदूषण रहित मानकों पर खरे उतरने वालों को ही लाइसेंस दिया जाएगा। दुकानदारों को आग बुझाने वाले संयंत्र रखने होंगे।
दीपावली पर पहले थोक पटाखा बाजार नानाराव पार्क, उसके बाद यूनियन क्लब और यहां के बाद क्राइस्टचर्च ग्राउंड में लगता था, लेकिन कालेज प्रबंधन की ओर से मना करने के बाद पिछले साल से थोक पटाखा बाजार जाजमऊ के अकील कंपाउंड में लग रहा है। बुधवार को लाइसेंस जारी होने के बाद थोक बाजार की दुकानों में माल आने लगा। गुरुवार से दुकानें भी सजने लगी हैं। यहां पर मानकों को ध्यान में रखकर टिन शेड लगाकर पटाखे की दुकानें बनाई गई हैं। थोक बाजार में दुकानों के लिए 18 दुकानदारों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। यहां अग्निशमन के इंतजाम के साथ सड़क किनारे के स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
क्या हैं ग्रीन क्रैकर्स
हरित पटाखे (ग्रीन क्रैकर्स) से सामान्य पटाखों के मुकाबले 30 से 40 प्रतिशत तक कम प्रदूषण कम होता है। इनमें हानिकारक एल्युमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रोजन व कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता।
दुकानों के लिए ये हैं मानक
1-दुकानें अज्वलनशील लोहे की टिन, एस्बेस्टेस शीट आदि से बनाई जाएं।
2-दुकानें बनाने में टेंट, कनात, कपड़े आदि का प्रयोग न किया जाए।
3-प्रत्येक दुकानदार को आग बुझाने के यंत्र, बालू, पानी आदि रखने होंगे।
4-दुकानों के बीच न्यूनतम तीन मीटर की दूरी होनी चाहिए।
5-आवास, शैक्षिक संस्थान, सभागार, सिनेमाघर, अस्पताल, मार्केट, फैक्ट्री, पूजास्थल, हाईवे, रेलवे लाइन, हाईटेंशन लाइन से दुकानें 50 मीटर दूर होनी चाहिए।
6-गैस, तेल लैंप का प्रयोग नहीं किया जाएगा। प्रकाश की व्यवस्था के लिए उपकरण लचीले तार से लटका कर नहीं लगाया जाएगा।
7-दुकान से 50 मीटर की दूरी तक आतिशबाजी का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा।
8-समूह में 50 से अधिक दुकानों को लगाने की अनुमति नहीं होगी।
9-दुकानों के परिसर को नो स्मोकिंग जोन रखा जाएगा, यानि यहां सिगरेट, बीड़ी आदि पीने की मनाही रहेगी।
10-दुकान पर ज्वलनशील पदार्थ का बैनर टांगकर नो फायर लिखना होगा।