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Army Chief On China: ‘अरुणाचल और नॉर्थ सिक्किम के पास भी चीन ने सेना की तैनाती बढ़ाई ,आर्मी चीफ बोले- ‘हम भी तैयार, आगे क्या होगा नहीं जानते’

किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हम तैयार है

 

आर्मी चीफ मनोज पांडे

Network Today

Updated at: 13Jan 2023 ,12:34 AM

थलसेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारी का स्तर ‘बहुत उच्च’ है और किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं.

 

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे फ़ोटो -पीटीआई

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि चीन से सटी सीमा पर हालात स्थिर हैं, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय सैनिकों की तैनाती की गई है. सेना दिवस से पहले दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल पांडे ने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात सैनिक, विरोधी के किसी भी नापाक मंसूबे को दृढ़ता से नाकाम करने के लिए मजबूत स्थिति बनाए रखने में सफल रहे हैं.

थलसेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारी का स्तर ‘बहुत उच्च’ है और किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा, हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता. आप जारी वार्ता से अवगत हैं जहां हम सात में से पांच मुद्दों को हल करने में सफल रहे हैं और हम राजनयिक एवं सैन्य-दोनों स्तरों पर बातचीत जारी रखे हुए हैं.

हम हर कंडीशन के लिए तैयार

जनरल पांडे ने कहा, ‘हमारी तैयारियों का स्तर बहुत ऊंचा है. हमने प्रत्येक क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल और साजो-सामान तैनात किए हैं.’ थलसेना प्रमुख ने कहा कि कुछ समय पहले सैनिकों का किया गया ‘रणनीतिक पुनर्संतुलन’ पूरा हो चुका है.

जनरल पांडे ने कहा, ‘हम एक बहुत मजबूत रक्षात्मक स्थिति बनाए रखने में सक्षम रहे हैं और अपने विरोधी द्वारा यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने के किसी भी प्रयास को मजबूती तथा दृढ़ तरीके से रोकने में सक्षम रहे हैं.’ पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 32 महीने से जारी सैन्य गतिरोध के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में एलएसी पर नौ दिसंबर को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत तथा चीन के बीच तनाव में और वृद्धि हुई है.

आतंकवाद को सीमा पार से अभी भी मिल रहा सपोर्ट

जनरल पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा पर चीनी पक्ष की ओर से सैनिकों की तैनाती उसी तरह से जारी है और क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की संख्या भी उसी तरह की है. उन्होंने कहा, ‘हमारी पूर्वी कमान के सामने (चीनी) सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. हम कड़ी नजर रखे हुए हैं.’ सेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय कोलकाता में है और अरुणाचल प्रदेश तथा सिक्किम में एलएसी की सुरक्षा का दायित्व इस कमान पर है.

डोकलाम की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर जनरल पांडे ने कहा कि क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. जम्मू-कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम को लेकर बनी सहमति पर अमल जारी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आंतकवाद और आतंकवादी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अब भी बरकरार है.

पूर्वोत्तर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकतर राज्यों में शांति लौट आई है. थलसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि महिला कर्मियों को सेना की आर्टिलरी इकाइयों में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा. जनरल पांडे ने कहा कि सेना ने फैसला किया है कि 2023 परिवर्तन का वर्ष होगा और बल ने कुछ ठोस परिणामों के लिए एक विशिष्ट रोडमैप तैयार किया है. उन्होंने कहा, ‘यह प्रक्रिया चालू वर्ष से परे जारी रहेगी.’

देश की सुरक्षा में चुनौतियां बढ़ीं

यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने एलएसी के साथ भारत की सुरक्षा चुनौतियों में नयी जटिलताएं पैदा की हैं क्योंकि यह चीन को आक्रामक तेवर अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, उन्होंने कहा कि अभियानगत, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर एक विस्तृत विश्लेषण किया गया है. यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पर एक सवाल के जवाब में थलसेना प्रमुख ने कहा कि आपूर्ति पर असर पड़ा है लेकिन उनका बल इस चुनौती से पार पा लेगा.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि भारतीय सेना मार्च में लगभग 40 अफ्रीकी देशों की सेनाओं के साथ एक बड़ा सैन्य अभ्यास आयोजित करेगी. सेना पुणे में सैन्य अभ्यास के मौके पर भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के प्रमुखों का एक सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रही है. जनरल पांडे ने एक अलग सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय सेना के करीब 45 फीसदी उपकरण विंटेज श्रेणी में आते हैं जबकि 41 फीसदी मौजूदा प्रौद्योगिकी के तहत आते हैं. उन्होंने कहा कि 12 से 15 प्रतिशत उपकरण अत्याधुनिक हैं.

थलसेना प्रमुख ने कहा, 2030 तक, हमारी आधुनिकीकरण योजना के कारण, हम 35 प्रतिशत वर्तमान प्रौद्योगिकी और 44 प्रतिशत अत्याधुनिक तकनीक के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे. नई पहलों को सूचीबद्ध करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि भारतीय सेना ने अपने सैनिकों के लिए मानकीकृत मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) कार्यक्रम शुरू किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तराखंड के जोशीमठ में आईं दरारों के कारण सैन्य आवागमन पर कोई प्रभाव पड़ा है, उन्होंने कहा कि कुछ सैनिकों को दूसरी जगह भेज दिया गया, लेकिन अभियानगत मामलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

जनरल पांडे ने अपने पूर्ववर्ती जनरल एमएम नरवणे की हाल की इस टिप्पणी पर जवाब नहीं दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति तैयार करना महत्वाकांक्षी थिएटर योजना को आगे बढ़ाने के लिए एक आवश्यकता है. थलसेना प्रमुख ने कहा, मेरे लिए (जनरल नरवणे की टिप्पणी पर) टिप्पणी करना उचित नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में, भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए एकीकृत और त्रि-सेवा प्रतिक्रिया एक अनिवार्यता है तथा इस दिशा में, मुझे लगता है, हमें सही संयुक्त त्रि-सेवा संरचना प्राप्त करने की आवश्यकता है.

 

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