Trending

Aditya Thackeray SPG: VIP लिस्ट में नहीं था आदित्य ठाकरे का नाम, SPG ने गाड़ी से उतारा, फिर CM उद्धव ने……

प्रधानमंत्री ने पुणे में संत तुकाराम को किया नमन 

 

Network Today

PM Modi Maharashtra Visit: पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाराष्ट्र के एकदिवसीय दौरे पर थे. लेकिन उनकी सुरक्षा करने वाली एसपीजी ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे  को सीएम उद्धव ठाकरे की कार से उतरने को कहा. सूत्रों के मुताबिक स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने दावा किया कि आदित्य ठाकरे का नाम उन वीआईपी की लिस्ट में नहीं था, जिन्हें पीएम मोदी का स्वागत करना था।

पीएम मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यहां से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) जाकर एक समारोह में शिरकत करनी थी. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे एसपीजी से नाराज नजर आए और आदित्य ठाकरे के लिए उनकी एसपीजी के साथ बहस भी हो गई. उद्धव ठाकरे ने एसपीजी को बताया कि आदित्य ठाकरे सिर्फ उनके बेटे ही नहीं हैं बल्कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री भी हैं और आधिकारिक प्रोटोकॉल के हिसाब से वे पीएम मोदी को रिसीव कर सकते हैं. सीएम उद्धव ठाकरे की कड़ी नाराजगी के बाद एसपीजी ने आदित्य ठाकरे को पीएम मोदी का स्वागत करने की इजाजत दे दी.

पुणे में संत तुकाराम को किया नमन 

पीएम मोदी पहले पुणे गए, जहां उन्होंने संत तुकाराम को नमन किया. उन्होंने  कहा कि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर ने देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल में रहते हुए संत तुकाराम के अभंग (भगवान विठ्ठल की स्तुति में भक्तिमय छंद) गाए थे. भक्ति आंदोलन के प्रतिष्ठित संत तुकाराम की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे ‘राष्ट्र नायक’ के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. खास तरह के राजस्थानी पत्थर से बना शिला मंदिर पत्थर की एक पटिया को समर्पित एक मंदिर है।

PM visits the Jagatguru Shrisant Tukaram Maharaj Ji Temple in Dehu, Pune on June 14, 2022.

जिस पर संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान लगाया था. वारकरी पंढरपुर की तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले शिला मंदिर में प्रार्थना करते हैं. ‘शिला मंदिर’ के समीप मंदिर में संत तुकाराम की एक नई प्रतिमा भी स्थापित की गई है.

इस कार्यक्रम में भी की शिरकत

इसके बाद पीएम मोदी ने मुंबई समाचार के 200 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने कहा, मुंबई समाचार ने आज़ादी के आंदोलन को भी आवाज़ दी और फिर आज़ाद भारत के 75 वर्षों को भी हर आयु के पाठकों तक पहुंचाया. भाषा का माध्यम जरूर गुजराती रहा, लेकिन सरोकार राष्ट्रीय था. मोदी ने कहा, विदेशियों के प्रभाव में जब ये शहर बॉम्बे हुआ, बंबई हुआ, तब भी इस अखबार ने अपना लोकल कनेक्ट नहीं छोड़ा, अपनी जड़ों से जुड़ाव नहीं तोड़ा.

ये तब भी सामान्य मुंबईकर का अखबार था और आज भी वही है- मुंबई समाचार. मुंबई समाचार सिर्फ एक समाचार का माध्यम भर नहीं है, बल्कि एक धरोहर है. मुंबई समाचार भारत का दर्शन है, भारत की अभिव्यक्ति है. भारत कैसे हर झंझावात के बावजूद, अटल रहा है, उसकी झलक हमें मुंबई समाचार में भी मिलती है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button