जलकल महाप्रबंधक के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी, आधी रात तक साक्ष्य जुटाती रही टीम

कानपुर। जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ के आवास पर गुरुवार रात सीबीआइ की टीम ने स्वरूप नगर थाने की फोर्स के साथ छापेमारी की। इस दौरान सीबीआइ ने आवास का मुख्यद्वार बंद करा दिया। देर रात तक सीबीआइ जलकल महाप्रबंधक और परिवार के सदस्यों से पूछताछ करती रही। टीम ने इस दौरान कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। हालांकि इस छापेमारी के बाबत शहर के आला अफसर भी कुछ भी बोलने से कतराते रहे।

जलकल जीएम नीरज गौड़ की सीबीआइ टीम लखनऊ में तलाश कर रही थी। स्वरूप नगर थाने में गुरुवार शाम छह बजे लखनऊ से आई तीन सदस्यीय सीबीआई टीम ने परिचय देने के बाद फोर्स की मांग की, जिस पर एसीपी स्वरूप नगर ब्रजनारायण सिंहके साथ थाना प्रभारी स्वरूप नगर के साथ फोर्स को जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ के आवास भेजा। टीम ने घर पहुंचते ही गेट पर पुलिस कर्मियों को रोका और वहां बने गार्ड रूम में सभी के मोबाइल फोन जमा करा लिए। सभी के मोबाइल कब्जे में लेने के बाद टीम फोर्स के साथ अंदर दाखिल हुई। घर के मुख्य हाल में सीबीआइ की टीम ने जलकल महाप्रबंधक व परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ करनी शुरू की। देर रात तक पूछताछ जारी रही। इस दौरान टीम ने मौके से कई दस्तावेज कब्जे में लिए जिसे वह साक्ष्य बनाएगी।

जलकल जीएम के यहां सीबीआइ का छापा क्यों पड़ा इस बारे में शहर में पुलिस के आला अधिकारियों से पूछा गया तो सभी ने जानकारी न होने की बात कहकर चुप्पी साध ली। हालांकि पुलिस सूत्रों ने बताया कि जलकल महाप्रबंधक के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) में तैनाती के दौरान कोई बड़ा घोटाला हुआ था। मामले में सीबीआइ ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया था। नीरज का इसके बाद से कोई अता-पता नहीं था। गुरुवार को सीबीआइ दिल्ली से निर्देश मिलने के बाद सीबीआइ लखनऊ टीम ने सबसे पहले लखनऊ स्थित पते पर छापेमारी की, लेकिन पता गलत निकला। बाद में सीबीआइ ने अपने सूत्रों के जरिए नीरज गौड़ के बेटे से संपर्क किया तो उनके पत्नी के साथ कानपुर जलकल जीएम आवास पर होने की जानकारी मिली। एनएचएआइ में किस तरह का घोटाला हुआ यह साफ नहीं हो सका है।

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