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गोरखपुर ।शव की स्मेल जब घर से बाहर फैलने लगी तब आस-पास के लोगों को संदेह हुआ। कॉलोनीवासियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बेटे को अरेस्ट कर शव को कब्जे में ले लिया।
इकलौते बेटे के साथ रहती थी मां
घटना शिवपुर सहबाजगंज की है। यहां के निवासी स्व। रामदुलारे मिश्र की 80 वर्षीय पत्नी शांति देवी का शव मंगलवार को कॉलोनी के लोगों की सूचना पर पुलिस ने उनके घर से बरामद किया। शांति देवी एडी स्कूल में टीचर रह चुकी हैं। रिटायर होने के बाद घर पर वो अपने 45 वर्षीय इकलौते बेटे निखिल मिश्रा उर्फ डब्बू के साथ रहती थीं।
धूप अगरबत्ती से भगा रहा था स्मेल
पुलिस जब मंगलवार को शांति देवी के घर पहुंंची तो अंदर से काफी दुर्गंध बाहर तक आ रही थी। अंदर जाने पर पता चला कि जगह-जगह धूप अगरबत्ती जलाई गई थी। बेटे निखिल से जब इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि शव के स्मेल को दूर करने के लिए धूप अगरबत्ती जलाई थी।
दाह संस्कार को नहीं थे पैसे इसलिए किया ऐसा
देर शाम तक पुलिस निखिल से पूछताछ करती रही। निखिल ने बताया कि मां की बीमारी से मौत हो गई। उसके पास दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उसने उनका शव बेड के नीचे रख दिया।
मां से मारपीट करता था बेटा
कॉलोनी वालों ने बताया कि निखिल नशे का आदि था, जिसके कारण मानसिक रूप से बीमार भी हो गया था। लोगों का कहना है कि वो अक्सर शराब के लिए पैसे मांगने को लेकर मां शांति देवी से मारपीट भी करता था।
15 दिन पहले गाजियाबाद चली गई पत्नी
मोहल्ले वालों ने बताया, निखिल की हरकतों से परेशान होकर उसकी पत्नी 15 दिन पहले बच्चों के साथ मायके गाजियाबाद चली गई थी। शांति सदन में ही किरायेदार भी रहते थे। लेकिन निखिल उन्हें भी परेशान करता था। इसलिए किरायेदार भी घर छोड़कर दूसरी जगह चले गए।
अगल-बगल से मांग कर खाती थीं रोटी
पड़ोसियों ने बताया कि निखिल बहुत किसी से मिलता जुलता नहीं था। जबकि शांति देवी जरूर पड़ोसियों से हाल चाल लेने पहुंंचती थीं। यही नहीं कई बार शांति देवी पड़ोसियों से रोटी भी मांग कर खाती थीं।
शांत हो गया शांति सदन
एडी इंटर कॉलेज से रिटायर्ड टीचर के नाम पर ही उनके घर का भी नाम था। घर के बाहर शांति सदन लिखा हुआ था। पड़ोसियों ने कहा कि जब तक वो थीं तो आस-पास घरों में हाल-चाल लेने भी पहुंचती थीं, इनके अलावा कोई और नहीं था, जो पड़ोसियों से वास्ता रखे। अब तो शांति देवी के जाने के बाद शांति सदन भी शांत हो गया।
नहीं हुआ पोस्टमार्टम
इस मामले में और जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस शांति देवी के पोस्टमार्टम की तैयारी कर रही थी। तभी उनके परिवार के अन्य लोग भी आ गए। उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया, जिसके बाद शांति देवी का शव उनके परिजनों का सौंप दिया गया।
पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को कब्जे में लिया था। मृतका के परिजन और रिलेटिव ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार दिया। इसलिए पोस्टमार्टम नहीं हुआ। बेटे से पूछताछ की गई है। बेटे निखिल ने बताया है कि उसके पास दाह संस्कार के पैसे नहीं थे। इसलिए उसने ऐसा किया।