
कानपुर। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की कराचीखाना शाखा में लाकर से जेवरात होने के मामले थम नहीं रहे। मंगलवार को चार और ऐसे लाकर मिले, जिनमें जेवर गायब थे। सभी पीड़ितों की ओर से फीलखाना पुलिस के तहरीर दी गई है। इस तरह से अब तक सात लाकरों से करीब ढाई करोड़ जेवर चोरी हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को लाकर धारकों ने बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने जांच के हिसाब से दो बैंककर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वहीं लखनऊ से आई बैंक प्रबंधन की उच्चस्तरीय टीम ने बैंक को इस मामले में क्लीनचिट दे दी है। इसे लेकर भी ग्राहकों में गहरा रोष है।
सेंट्रल बैंक की कराचीखाना शाखा के लाकर से जेवर चोरी होने की तीन घटनाएं सोमवार तक सामने आ चुकी थीं, जबकि जनरलगंज निवासी किराना कारोबारी पंकज गुप्ता के लाकर का ताला नहीं खुला था। लाकर तोडऩे के लिए बैंक प्रबंधन ने लाकर निर्माता कंपनी से संपर्क किया। उन्हें मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे बुलाया गया था। दिन भर चली रस्साकसी के बाद दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे पंकज गुप्ता का लाकर पुलिस और बैंक अफसरों की मौजूदगी में तोड़ा गया तो उसमें जेवर नहीं थे। पंकज के मुताबिक उनके लाकर में करीब 25 लाख रुपये के जेवर थे। इसके बाद अखबारों में इस संबंध में समाचार पढ़कर शांतिनगर निवासी विजय महेश्वरी व उनके बेटे वैभव महेश्वरी बैंक पहुंचे। विजय की दिल्ली हैंडलूम व डैकोरा के नाम से कपड़ों के दो बड़े शोरूम हैं। विजय के लाकर में पूरा माल सुरक्षित मिला, लेकिन बेटे वैभव का लाकर खुला तो 25 लाख रुपये कीमत के जेवर गायब थे। वैभव के लाकर के बाद अपना लाकर खोलने गईं ओमपुरवा लाल बंगला निवासी मीना यादव और सिविल लाइन निवासी निर्मला तहलियानी के लाकर भी उनकी चाबियों से नहीं खुले। जिसके बाद लाकर तोडऩे का फैसला किया गया। रात करीब आठ बजे दोनों लाकर तोड़कर देखे गए तो उनमें चांदी के जेवरात छोड़कर सोने के जेवर गायब थे। मीना यादव के बैंक लाकर में 80 लाख रुपये से करीब एक करोड़ तक के जेवर होने का अनुमान है। जबकि वृद्धा निर्मला के लाकर में भी करीब 35 लाख रुपये के जेवर रखे हुए थे।
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि चारों मामलों में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूछताछ के लिए दो बैंक कर्मियों गीता और अशोक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। डीसीपी के मुताबिक जब तक सभी लाकर नहीं खुल जाते, तब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी। बैंक परिसर के भीतर पुलिस की पिकेट तैनात कर दी गई है। रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के हिसाब से अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर इनकी एक साथ जांच की जाएगी।