नाटो के सहयोगियों ने रूस पर दुनिया को गुमराह करने का लगाया आरोप, सेनाओं को वापस बुलाने के नहीं नजर आ रहे कोई संकेत

नाटो के सहयोगियों ने रूस पर दुनिया को गुमराह करने का आरोप लगाया है। नाटो सहयोगियों का कहना है कि रूस ने कुछ सैनिकों को तो ठिकानों पर लौटाया है लेकिन यूक्रेन सीमा के पास सात हजार से अधिक बलों को जोड़ा भी है। नाटो प्रमुख ने रूस की ओर से कूटनीतिक समाधान की पहल का स्‍वागत तो किया है लेकिन नाटो एवं अन्‍य अमेरिकी सहयोगियों का कहना है कि अभी तक रूस की ओर से सेनाओं को वापस बुलाने के कोई संकेत नजर नहीं आए हैं जिसका उसने वादा किया था। ब्रसेल्स में पश्चिमी गठबंधन की बैठक से पहले ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि हमने रूस को कुछ बयानों के विपरीत करते हुए देखा है। हमने पिछले 48 घंटों में रूस की ओर से यूक्रेन सीमा पर सात हजार सैनिकों की बढ़ोतरी देखी है। हम इस मसले को लेकर बेहद गंभीर हैं। हम उस खतरे का सामना करने जा रहे हैं जो पैदा हो रहा है। सनद रहे रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर डेढ़ लाख से ज्‍यादा सैनिकों की तैनाती की है। यहां तक की अमेरिका की ओर से अभी भी यह कहा जा रहा है कि यूक्रेन पर रूस की ओर से हमले का खतरा अभी टला नहीं है। वहीं यूक्रेन के लोगों ने रूस की ओर से किसी भी खतरे का सामना करने का संकल्प लिया है। ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि रूस की ओर से बड़े पैमाने पर रणनीतिक निर्माण और यूक्रेन सीमा पर 60 फीसद बलों की तैनाती का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हालांकि रूस ने युद्ध की संभावनाओं से इनकार किया है। रूस का कहना है कि उसे अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। रूस चाहता है कि यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को नाटो से बाहर रखा जाए। रूस का कहना है कि पश्चिमी मुल्‍क रूसी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती पर रोक लगाएं।

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