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बेटों पर आई, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की लड़ाई; बोले- मेरे लड़के पर ही निशाना क्यों

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मुंबई।उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच की जंग अब बेटों पर आ गई है। उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे के लिए बहुत कुछ किया और बदले में ये आरोप ही मिले। उन्होंने कहा, ‘एकनाथ शिंदे का बेटा शिवसेना से ही सांसद है। मैंने उसके लिए सब कुछ किया। मेरे पास जो विभाग थे, उन्हें एकनाथ शिंदे को सौंप दिया गया।’ यही नहीं इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही मैंने सीएम आवास छोड़ दी है,

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाए गए कि मैं लोगों से मिलता नहीं हूं। उन्होंने कहा, ‘मेरे शरीर में कोरोना के चलते दर्द रहता था। सिर से लेकर पांव तक परेशानी थी। मेरी आंखें तक नहीं खुल रही थीं, लेकिन मैंने खुद की परवाह नहीं की। मैं पावरगेम में यकीन नहीं रखता।’ उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘एकनाथ शिंदे का अपना बेटा सांसद है और टिप्पणियां मेरे बेटे के बारे में की जा रही हैं। मेरे ऊपर बहुत से आरोप उनकी ओर से लगाए गए हैं।’ इस मौके पर उद्धव ठाकरे आक्रामक भी नजर आए। उन्होंने बागी विधायकों की तुलना सूखे पत्तों से करते हुए कहा कि यदि आप लोगों में हिम्मत है तो ठाकरे नाम और शिवसेना के निशान के बिना जीतकर दिखाओ।

ऐसे हालात के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच की जंग अब बेटों पर आ गई है। उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे के लिए बहुत कुछ किया और बदले में ये आरोप ही मिले। उन्होंने कहा, ‘एकनाथ शिंदे का बेटा शिवसेना से ही सांसद है। मैंने उसके लिए सब कुछ किया। मेरे पास जो विभाग थे, उन्हें एकनाथ शिंदे को सौंप दिया गया।’ यही नहीं इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही मैंने सीएम आवास छोड़ दी है, लेकिन लड़ाई से पीछे नहीं हटा हूं।

उद्धव का इमोशनल वार- अपने हिस्से के मंत्रालय दिए और उन्होंने मेरे बीमार रहने की दुआ की

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाए गए कि मैं लोगों से मिलता नहीं हूं। उन्होंने कहा, ‘मेरे शरीर में कोरोना के चलते दर्द रहता था। सिर से लेकर पांव तक परेशानी थी। मेरी आंखें तक नहीं खुल रही थीं, लेकिन मैंने खुद की परवाह नहीं की। मैं पावरगेम में यकीन नहीं रखता।’ उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘एकनाथ शिंदे का अपना बेटा सांसद है और टिप्पणियां मेरे बेटे के बारे में की जा रही हैं। मेरे ऊपर बहुत से आरोप उनकी ओर से लगाए गए हैं।’ इस मौके पर उद्धव ठाकरे आक्रामक भी नजर आए। उन्होंने बागी विधायकों की तुलना सूखे पत्तों से करते हुए कहा कि यदि आप लोगों में हिम्मत है तो ठाकरे नाम और शिवसेना के निशान के बिना जीतकर दिखाओ।

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ऐसे हालात के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था

उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह जो स्थिति पैदा हो गई है, उसके बारे में तो हमने सपने में भी नहीं सोचा था। हमें पद का कोई मोह नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं बीमार था और फिर गर्दन में दर्द था, जिसका ऑपरेशन हुआ। लेकिन उसके पीछे ही एक दूसरा ऑपरेशन कुछ लोग चलाने लगे। यही नहीं बीमारी का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कर रहे थे कि मैं ठीक ही न होऊं, लेकिम मुझे ऐसे लोगों की कोई परवाह नहीं है। मुझे सत्ता का कोई मोह नहीं है, लेकिन जिस तरीके से बगावत की गई है, वह ठीक नहीं है।

बेहद भावुक था माहौल, रोते दिखे तमाम शिवसैनिक

उन्होंने कहा कि आप एक पेड़ से फूलों को तोड़ सकते हैं, फलों को तोड़ सकते हैं और डालें टूट सकती हैं, लेकिन उसकी जड़ें खत्म नहीं होती हैं। इस मीटिंग में आदित्य ठाकरे भी पहुंचे और माहौल बेहद भावुक नजर आए। शिवसैनिकों ने उद्धव और आदित्य को घेर लिया और देर तक नारेबाजी करते रहे। यही नहीं कई शिवसैनिक तो रोते हुए नजर आए।

 

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