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हिंसा के बाद सीएम योगी ने बुलाई बड़ी बैठक: कानून व्यवस्था की करेंगे समीक्षा, सभी जिलों के डीएम और एसपी हुए शामिल

सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए , कहा सभी उपद्रवियों को चिन्हित किया जाए और उन पर सख्त कार्रवाई

Network today

लखनऊ  : हिंसा के बाद CM योगी का एक्शन, अधिकारियों को सख्ती बरतने के निर्देश, जानिए- मीटिंग की बड़ी बातें

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक हुई. मुख्यमंत्री आवास पर ये बैठक चल रही है इस बैठक में मुख्य सचिव और गृह सचिव समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे.

सीएम योगी के नेतृत्व में कानून व्यवस्था को लेकर बैठक।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक शुरू हो गई है. सीएम  के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास पर ये हाईलेवल बैठक चल रही है. इस बैठक में मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, समेत तमाम जिलों के डीएम और एसपी बुलाए गए हैं. शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में हुई हिंसा के बाद इस बैठक का बेहद अहम माना जा रहा है. खबर है इस बैठक में शांति भंग करने वालों के खिलाफ कोई अहम फैसला लिया जा सकता है.

सीएम योगी ने की हाईलेवल बैठक

सीएम योगी के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में मुख्य सचिव और अपर मुख्य गृह सचिव समेत अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, डीजीपी डीएस चौहान, एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार समेत पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद हैं.  कल हुई हिंसा के बाद सीएम योगी उपद्रवियों को बख्शने के मूड में नहीं है. माना जा रहा है कि आरोपियों कि खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले भी शुक्रवार को सीएम योगी ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सभी उपद्रवियों को चिन्हित किया जाए और उन पर सख्त कार्रवाई हो.

सीएम योगी ने दिए ये दिशा-निर्देश

● विगत दिनों कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, अंबेडकर नगर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक शांति-सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया. इससे पहले 03 जून को कानपुर में भी ऐसी ही कोशिश की गई थी. तब भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे, जिससे प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शांति बनी हुई. यह शांति व्यवस्था चिर स्थायी रहे, इसके लिए सतर्क सावधान रहना होगा.

● समाजविरोधी कुत्सित प्रयासों पर उत्तर प्रदेश पुलिस व प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्यवाही की गई है. वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, किंतु हमें हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. पुलिस और प्रशासन 24×7 अलर्ट मोड में रहे.

● यह दुःखद है कि साजिशकर्ताओं ने अपने कुत्सित उद्देश्यों के लिए किशोरवय युवाओं को सहारा बनाया. ऐसे में मुख्य साजिशकर्ता की पहचान जरूरी है. यह समझना होगा कि असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसे प्रयास आने वाले दिनों में फिर से हो सकते हैं. इन लोगों का उद्देश्य प्रदेश के शांति-सौहार्द को बिगाड़ना है. हमें एक टीम के रूप में काम करते हुए ऐसी कोशिशों को नाकाम करना होगा.

● हम एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं. ऐसे में हमें सभी पक्षों से संवाद बनाए रखना होगा. धर्मगुरुओं/सिविल सोसाइटी से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखे. इसके साथ-साथ उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी रखी जाए. कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक सोच रखने वाले सभी तत्वों के लिए एक नजीर बने. माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके. ऐसे में संवाद और सेक्टर स्कीम लागू की जाए.

● कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए फील्ड के अधिकारियों के पास सभी तरह के निर्णय लेने का अधिकार है. स्थानीय स्थिति-परिस्थिति को देखते हुए अपने यथोचित निर्णय लें. जिन भी जनपदों में आने वाले दिनों में माहौल बिगड़ने की आशंका हो, वहां आवश्यकतानुसार धारा 144 प्रभावी किया जाए.

● प्रत्येक दशा में सार्वजनिक/आमजन की संपत्ति को हुई क्षति की वसूली सम्बंधित दोषी व्यक्ति से ही कराई जाए. प्रयागराज में वसूली की नोटिस भेजे जाने की कार्यवाही प्रारंभ हो गई है. अन्य जनपद भी तत्परता के साथ कार्यवाही करें. इस बाबत ट्रिब्यूनल गठित है, नियमसंगत कठोरतम कार्रवाई की जाए.

● अवैध कमाई समाजविरोधी कार्यों में ही खर्च होती है. ऐसे में साजिशकर्ताओं/अभियुक्तों के बैंक खातों/संपत्ति आदि का पूरा विवरण एकत्रित करें. इनके वित्तीय स्रोत की गहनता से पड़ताल की जाए. डेडिकेटेड टीम बनाकर जांच करें. ऐसे प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें.

● शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं. माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए. ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए. एक भी निर्दोष को छेड़ें नहीं और कोई निर्दोष छोड़े नहीं.

● संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए. हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे. पीआरवी 112 एक्टिव रहे.

● “बुल्डोजर” की कार्रवाई पेशेवर अपराधियों/माफियाओं के विरुद्ध है. यह कार्रवाई सतत जारी रखी जाए. प्रदेश में किसी गरीब के घर पर गलती से भी कोई कार्रवाई नहीं होगी. यदि किसी गरीब असहाय व्यक्ति ने कतिपय कारणों से अनुपयुक्त स्थान पर आवास निर्माण करा लिया है, तो पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा उसका समुचित व्यवस्थापन किया जाए, फिर अन्य की कार्रवाई हो.

● माफिया को संरक्षण देने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. माहौल बिगाड़ने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी.

● साजिशकर्ताओं/अभियुक्तों की पहचान कर यथाशीघ्र गिरफ्तारी की जाए. सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच करें. ऐसे लोगों के विरुद्ध एनएसए अथवा गैंगस्टर के नियमों के तहत नियमसंगत कार्रवाई की जाए. यदि किसी अपराधी के दोबारा किसी अराजक घटना में संलिप्तता पाई जाए तो चार्जशीट में इसका उल्लेख जरूर करें.

● प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों. ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं. जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए. टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार कक चयन करते समय उसका विधिवत पुलिस सत्यापन कराएं. अब तक हुई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराएं. परिवहन विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए डग्गामार बसों का संचालन बंद कराया जाए.

● आम आदमी की संतुष्टि सबसे महत्वपूर्ण है. शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों/कार्मिकों को इसे समझना चाहिए. आम आदमी को न्याय पाने का अधिकार है. तहसीलों/प्राधिकरणों आदि जन हित से सीधे जुड़ाव रखने वाले कार्यालयों में हर दिन एक घंटे की अवधि जनसुनवाई के लिए नियत है. इस अवधि में अधिकारी जनता से मिलें, शिकायतें/समस्याएं सुनें और मेरिट पर निस्तारण करें. आईजीआरएस/सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है. इसके प्रकरण लंबित न रहें. इनकी हर कार्यालय में सतत समीक्षा होनी चाहिए.

 

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