Trending

बनो ईसाई ……पैसे मिलेंगे और बीमारियां भी हो जाएंगी ठीक…यूं लोगों को फुसलाता था पादरी, बीवी के साथ अरेस्ट

Network Today

– पुलिस ने पादरी के प्रार्थना घर से लाउडस्पीकर और साउंड सिस्टम जब्त किए थे। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह अपने चर्च में लगभग दो दशकों से प्रार्थना और उससे संबंधित गतिविधियां चला रहे हैं।

गोवा में लोगों को पैसे देने और उनकी बीमारियों के इलाज का वादा कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए फुसलाने के आरोप में पुलिस ने गुरुवार (26 मई 2022) को एक पादरी और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

मापुसा पुलिस थाने के अधिकारी के मुताबिक, दो व्यक्तियों के शिकायत दर्ज कराने के बाद पादरी डोमनिक डिसूजा और उनकी पत्नी जोन को बृहस्पतिवार की रात गिरफ्तार किया गया। दोनों शख्स ने अपनी शिकायत में पादरी और उनकी पत्नी पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दंपति के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। पादरी और उनकी पत्नी उत्तरी गोवा के सालिगाओ गांव में रहते थे, जो राजधानी पणजी से करीब 20 किलोमीटर दूर है।

पादरी और उनकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज: पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ पादरी और उनकी पत्नी के खिलाफ धारा 153 ए, (धर्म पर प्रहार या हमला), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा दोनों पर ड्रग्स एंड रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3 और 4 के तहत भी केस दर्ज किया गया है।”

पुलिस को शिकायत मिली थी कि दंपति लोगों को पैसे देने, लंबी बीमारी का इलाज करने जैसे लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। आरोपी फाइव पिलर्स चर्च के नाम से एक सेल्फ-टाइटल ईसाई संप्रदाय चलाते हैं, जिसे उन्होंने स्थापित किया था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी दंपति को शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी।

ईसाई धर्म अपनाने के लिए करता था प्रेरित: प्रकाश खोबरेकर नाम के शख्स की शिकायत के अनुसार, डिसूजा और उनकी पत्नी ने एक अज्ञात व्यक्ति को अपने धर्म को छोड़ने और ईसाई धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया था। इससे पहले ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि डोमनिक बिना परमिशन के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर रहा था और गांव की शांति भंग कर रहा था। स्थानीय निवासी पहले भी दंपति के चर्च के कामकाज को लेकर परेशान थे, लेकिन जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button