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“साहब मैं भूत नहीं हूं,” जिंदा हूं… इतना कहकर एसीपी त्रिपुरारी पांडे के गले लगकर खूब रोया ये बुजुर्ग

सीने पर ‘मैं जिंदा हूं’ लिखे और हाथों में ऐसी ही तख्ती लिए बुजुर्ग ने न्याय की लगाई गुहार

 

ज्ञान प्रकाश , संवाददाता

कानपुर।उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कानपुर के एक बुजुर्ग को अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ रहा है और वे सीने पर ‘मैं जिंदा हूं’ पेंट करवाकर खुद के जीवित होने का सबूत दे रहे हैं। बुजुर्ग का कहना है कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया है क्योंकि उनके बेटे की पत्नी ने उनको स्वर्गीय घोषित करने का बयान दिया और एसडीएम सदर से उसने पारिवारिक प्रमाण पत्र हासिल करके मकान को अपने नाम करवा लिया।

आपको बतादे की इस मामले को लेकर कानपुर पुलिस कमिश्नर ने संज्ञान लिया और एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय को जांच सौंपी गई। बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि उनके छोटे बेटे की बहू ने उनको स्वर्गीय घोषित कर मकान में कब्जा कर लिया है

सीने पर ‘मैं जिंदा हूं’ लिखे और हाथों में ऐसी ही तख्ती लिए बुजुर्ग न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। बुजुर्ग ने अपने हाथों में ‘फर्जी मुकदमा वापस लो’, मुझे न्याय दो की तख्तियां भी ले रखी थीं। उनको कमिश्नर ऑफिस के बाहर बैठे देख एसीपी त्रिपुरारी पांडे पहुंचे तो बुजुर्ग उनके गले लगकर रोने लगे। पुलिस अधिकारी ने उनसे पूरे मामले की जानकारी ली और बुजुर्ग को वहां से नजदीकी थाने ले जाया गया। पुलिस ने उनको न्याय दिलाने का भरोसा दिया और उनके सारी जानकारी इकट्ठी की।

पुलिस की टीम बुजुर्ग को थाने लेकर पहुंची और वहां उनको कपड़े पहनाए गए। बुजुर्ग ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनका नाम शिवकुमार शुक्ला है। उन्होंने बताया, “मैंने अपने छोटे बेटे को एक मकान दिया था, जब वह नाबालिग था। बाद में 2019 में अपनी पत्नी के गृह क्लेश से उबकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके बाद से उसकी पत्नी मुझे बेघर करने की कोशिश में लगी हुई है।”

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