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कानपुर नगर, कानपुर के बडे अस्पतालों की नर्स रात में 12 बजते ही सो जाती है और ऐसे में आकस्मिक रूप से घायल हुए पीडित रात भर भगवान भरासे अपनी जिंदगी काटते है और कभी – कभी तो यह स्थति गंभीर हो जाती है। इस तरह की सच्चाई को बताते हुए फीलखाना निवासी कैलाश शुक्ला का कहना है कि महानगर के उर्सला इमजेन्सी एवं उर्सला अस्पताल तथा हैलट अस्पताल में हास्पिटल की नर्से रात में 12 बजते ही अपना केबिन बंद कर सो जाती है। प्रणलेवा बीमारियों एव संक्रमण रोगियों के साथ मरीजो के तीमादार को यदि रात में कोई आवश्यकता पडती है और नर्सो को जगाने का प्रयास किया जाता है तो जवाब मिलता है कि हम तुम्हारे नौकर नही है। इतना ही नही नर्से यहां तक बोल देती है कि मरीज को ज्यादा तकलीफ है तो अपने रोगी को किसी नर्सिंग होम या निजी अस्पताल में दाखिल करवा लो, यहां पर रात्रिकालीन सेवा नही होती है। इसी तरह की शिकायत करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एसके वर्मा ने कहा इस संदर्भ में नर्सो की शिकायत कई बार चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों से कर चुके है लेकिन नर्सो की बात मानकर यह अधिकारी जनता जर्नादन की व्यथा को सुन नही रहे है, जिसके कारण आये दिन मरीजों और घायलों को कष्ट सहन करना पड रहा है।