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कानपुर। बवाल के मास्टरमाइंड और लोग हैं, मेरा कोई हाथ नहीं। ये बात नई सड़क पर हुए बवाल के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले हयात जफर हाशमी ने पुलिस अधिकारियों से कही। वहीं उसके साथियों जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल व मोहम्मद सूफियान ने हर सवाल के गोलमोल जवाब देकर पुलिस को गुमराह किया। एटीएस और पुलिस की टीम चोरों को साउथ जोन के एक थाने में रखकर पूछताछ कर रही है। तीन जून को नई सड़क पर हुए बवाल के मामले में जेल भेजे गए हयात जफर हाशमी, मोहम्मद सुफियान, जावेद अहमद खान और मोहम्मद राहिल को पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर लिया है। शनिवार को पुलिस चारों को अलग-अलग वाहनों से साउथ जोन के एक थाने लेकर पहुंची, यहां एटीएस और पुलिस की टीम ने अलग-अलग पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने हयात से पूछा कि उसे हिंसा फैलाने के लिए असलहे किसने दिए, रुपये कहां से आए, उसके निशाने पर चंद्रेश्वर हाता ही क्यों था, उसकी असली मंशा क्या थी।


नई सड़क पर मीडिया से वार्ता करने ही गया था। पूछताछ में बवाल के बाद फोन बंद कर लेने और लखनऊ भागने के सवाल पर गोलमोल जवाब देता रहा।
पुलिस को किया गुमराह
चारों से पूछा गया कि बवाल के पीछे शहर के लोग शामिल हैं या बाहरी ताकतें, इस सवाल का जवाब भी किसी ने नहीं दिया। एसटीएफ ने हयात से पूछा कि बवाल के लिए पैसा कहां से आया, अचानक इतने पत्थर, बम, गोलियां, कहां से आईं। हयात ने क्या जवाब दिया, फिलहाल अधिकारिक तौर पर किसी अफसर ने जानकारी देने से मना कर दिया।
दूसरी ओर, नई सड़क पर हुए बवाल में गिरफ्तारियां लगातार जारी हैं। शनिवार को पुलिस ने बवाल में शामिल एक और आरोपी पूर्व सपा नेता निजाम कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया। निजाम कुरैशी हयात जफर हाशमी का करीबी है। उसी ने ही बवाल से दो दिन पहले हयात से मिलकर बंदी के संबंध में बैठक बुलाई थी। अब तक 54 उपद्रवियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि बेकनगंज निवासी निजाम कुरैशी सपा का पूर्व नेता है। इसके साथ ही जमीयतुल कुरैश एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है। हयात जफर हाशमी का वह काफी करीबी है। प्राथमिक जांच में पता चला कि बवाल से पहले हयात जफर और हाफिज फैजल जाफरी ने बैठकें की थी।
बंदी का मैसेज चलाने पर ग्रुप एडमिन पर रिपोर्ट
काकादेव पुलिस ने 10 जून को जुमे के दिन व्हाट्सअप पर भारत बंद का मैसेज चलाने वाले एक ग्रुप एडमिन शास्त्री नगर निवासी क्षितिज द्विवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एसीपी स्वरूपनगर ब्रजनारायण सिंह ने बताया कि क्षितिज की ओर से बनाए गए ग्रुप में बंदी का मैसेज चल रहा था जिसका उसने विरोध नहीं किया था। एसआईटी के निर्देश पर उसपर माहौल बिगाड़ने, शांतिभंग, आईटी एक्ट की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई ।
उन सभी बैठकों में निजाम कुरैशी मौजूद रहा। इसके अलावा एक जून को बेकनगंज स्थित अकबर आजम हॉल में हुई बैठक निजाम कुरैशी ने ही बुलाई थी, जिसमें निजाम ने हयात के साथ मिलकर बाजार बंदी का एलान किया था। पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।