
बहुचर्चित कानपुर एनकाउंटर के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद करने वाले फंड मैनेजर जय बाजपेयी, उसके भाई और भाभी को भूमाफिया घोषित किया गया है। बिनगवां में सरकारी जमीन पर कब्जा कर प्लॉट बेचने वाली कंपनी वीएसीएल के मालिक को भी सूची में शामिल किया गया है। गुरुवार को डीएम नेहा शर्मा की अध्यक्षता में एंटी भूमाफिया सेल की बैठक में फैसले लिए गए। सात नए नाम घोषित करने के बाद सूची में अब 307 भूमाफिया हो गए हैं। इसके साथ ही एसटीएफ में सिपाही रहे शिवेंद्र सिंह सेंगर को चिह्नित करके उसके खिलाफ चकेरी पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।
कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम के नेतृत्व में हुई बैठक में सबसे पहले जय बाजपेई का मामला उठा। बताया गया कि जय ने ब्रह्मनगर में रेलवे की जमीनों पर कब्जा करके कई मकान खड़े कर दिए, इसके बाद बेच दिया गया। इसके बावजूद रेलवे के अफसर आंखें बंद किए रहे। जय ने कई मकानों को किराए पर भी उठा रखा है। किराया उसका भाई वसूलता है। इसकी जानकारी होने पर जांच कराई गई तो पूरा खेल खुलकर सामने आ गया। लेखपाल की रिपोर्ट पर रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करने के संबंध में जयकांत, भाई शोभित बाजपेई, रजय की पत्नी प्रभा बाजपेई, विकास दुबे के पड़ोसी प्रशांत शुक्ला और पूनम निषाद के खिलाफ एंटी भूमाफिया के तहत कार्रवाई करने की संस्तुति की गई।