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लखनऊ:अगरआप के मोबाइल की घंटी बजना बंद हो जाए तो हो सकता है खतरा, ये खबर आपके लिए है जानिए एक डॉक्टर के साथ क्या हुआ?
लखनऊ।जिस मोबाइल फोन की घंटी बार-बार बजने से आप परेशान हो जाते हैं वही कुछ घंटे से बजना बंद हो जाए तो ये आपके लिए खतरे की घंटी है. संभावना हो सकती है कि साइबर अपराधियों ने आपके सिम को स्वैप कराकर नंबर बंद करा दिया हो और अगले कुछ ही घंटों में आपके बैंक में जमा रकम गायब होने वाली हो.
दरअसल लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले डॉ. संजय कुमार आजकल बहुत परेशान हैं. परेशान होने की वजह है उनके व उनके दो बच्चों के अकाउंट से करीब 18 लाख रुपए बीते मई महीने में निकाल लिए गए. डॉ. संजय ने इस मामले में लखनऊ ग्रामीण के साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.
बताया जा रहा है कि बीते 28 मई को उत्तर प्रदेश पुलिस की ऑनलाइन एफआईआर पर डॉ. संजय कुमार बनकर किसी व्यक्ति ने मोबाइल खोने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने अपना मोबाइल नंबर 945——63 के खोने की शिकायत दर्ज करवाई थी. ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद उस व्यक्ति ने बीएसएनएल के लखनऊ ऑफिस से नया सिम लिया और उस पर डॉ. संजय कुमार के मोबाइल नंबर को जारी करवा लिया.
30 और 31 मई को डॉक्टर संजय कुमार का सिम दूसरे शख्स को जारी कर दिया गया. 2 दिन के अंदर ही उस मोबाइल नंबर से जुड़े सभी बैंक खातों से नेट बैंकिंग के जरिए करीब 18 लाख रुपए निकाल लिए गए. बता दें कि इससे पहले 28 मई को ही वाराणसी में भी 2 जालसाज डॉक्टर संजय कुमार का सिम इसी मॉडस ऑपरेंडी से जारी करवाने की कोशिश में वाराणसी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे.
बीएसएनएन अधिकारी ने बिना जांचे दे दिया नया सिम
बीएसएनएल के अधिकारी ने डॉ. संजय कुमार के नंबर पर फोन कर जब घटना की तस्दीक की तो पता चला जो लोग नंबर अलॉट कराने आए हैं वह जालसाज हैं और फर्जी आधार कार्ड बनाकर नंबर अलॉट कराने वाले गैंग से जुड़े हैं, लेकिन लखनऊ में जब यही कोशिश की गई तो बीएसएनएल ने बिना तस्दीक किए डॉ. संजय कुमार का नंबर उन लोगों को दे दिया जिन्होंने दूसरे नंबर के खोने की शिकायत दर्ज कराई थी. डॉ. संजय कुमार का आरोप है कि साइबर फ्रॉड के इस गैंग में बीएसएनल व उनके निजी बैंक के लोगों की मिलीभगत भी हो सकती है. लेकिन अब तक पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
डॉक्टर संजय के साथ हुई इस ठगी पर हमने जब यूपी पुलिस साइबर क्राइम के एसपी डॉक्टर त्रिवेणी सिंह से बात की तो उन्होंने माना किस सिम स्वैपिंग साइबरशॉट का नया हथकंडा है जिसको अपराधी इस्तेमाल कर रहे हैं. वह लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को सतर्क रहना ही इस अपराध से बचाव का रास्ता है.