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जंग में रसद की अहमियत पर आर्मी चीफ का जोर, दिया रूस यूक्रेन संघर्ष का उदाहरण

नई दिल्ली। भारत के आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को युद्ध के दौरान रसद यानि संसाधनों की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने रूस यूक्रेन के बीच जंग का जिक्र किया। इसका उदाहरण देते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि संघर्ष के दौरान लाजिस्टिक्स महत्वपूर्ण है।

रूस-यूक्रेन जंग में रसद की अहमियत

फरवरी अंत से जारी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर उन्होंने कहा, ‘जंग के कमजोर पड़ने के संकेत काफी कम हैं, देश की सुरक्षा के लिए चिंतित लोगों के लिए महत्वपूर्ण सीख है।’ आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और हाल में चीन ने तुरंत कदम उठाया और मुद्दे को तात्कालिक तौर पर अहमियत देते हुए असरदार संयुक्त मिलिट्री-सिविल स्ट्रक्चर को लागू किया। यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दमित्रो कुलेबा ने ट्वीट कर कहा,’ महीनों से हमारे एजेंडे में हथियार, हथियार, हथियार शामिल रहा है। मैं उन पार्टनरों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हमारी मांग का जवाब दिया है, यूक्रेन में जंग के मैदान में मिली कामयाबी साझा प्रयास है।’

डिफेंस में महत्वपूर्ण है रसद की भूमिका

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘डिफेंस सेक्टर में रसद की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है। बीते कुछ दशकों में दुनिया आपस में इस तरह जुड़ गई है जैसी पहले कभी नहीं थी। इसमें भी रसद और इसकी आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी भूमिका है। हम दुनिया के एक हिस्से में बैठकर दूसरे हिस्से की जानकारी प्राप्त करने के साथ कोई सामान भी मंगवा सकते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है। अब देश दुनिया की सबसे बड़ी पाचवीं इकोनामी बन चुकी है।’

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