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लखनऊ। हाल ही में कानपुर में हुए ट्रैक्टर ट्रॉली हादसे में 27 लोंगों की मौत हो गई थी। एक ही गांव एक ही परिवार के लोग इस हादसे का शिकार हो गए थे। जिसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने ट्रॉलियों का पंजीकरण सिर्फ कृषि कार्यों के लिए करने का निर्णय लिया है।
सरकार ने ट्रॉलियों के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। बीते दिनों राज्य में ट्रैक्टर ट्रॉलियों के हादसों को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ट्रॉलियों का इंश्योरेंस करवाना होगा और चार पहिया ट्रॉली की डिजाइन की अनुमति लेनी होगी।
सिर्फ चार पहिया ट्रॉलियों का ही पंजीकरण होगा
ट्रैक्टर ट्रॉली हादसों को रोकने के लिए बनी समिति ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ चार पहिया ट्रॉलियों का ही पंजीकरण होगा। दो पहिया ट्रॉलियां न बनेंगी न ही उनका पंजीकरण होगा। ट्रैक्टर ट्रॉली से होने वाले हादसों पर रोक लगाने के लिए शासन द्वारा गठित 5 सदस्यीय टीम ने इन प्रमुख बिंदुओं को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। समिति इन बिंदुओं को शामिल करने के साथ ही पंजाब नियमावली का भी अवलोकन कर रही है। समिति द्वारा रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए बैठक भी हो चुकी है। अब जल्द ही ये रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। शासन द्वारा रिपोर्ट में मुहर लगते ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
हादसे ट्रेन से हुए है, लेकिन देश में ट्रेन तो बंद नहीं हुई’- टिकैत
इस पूरे मामले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बोलते हुए कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली पर पाबंदी एक साजिश है ताकि किसान आंदोलन में ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर ना जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हादसा ट्रेन से हुआ है, लेकिन देश में ट्रेन तो बंद नहीं हुई, हादसा फ्लाइट से हुआ है तो फ्लाइट भी देश में बंद नहीं हुई। वहीं,आए दिन मोटरसाइकिल से कितने हादसे होते हैं, लेकिन मोटरसाइकिल की कंपनी तो बंद नहीं होती है। साथ ही उन्होंने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि हादसे गड्ढों की वजह से होते है। वहीं, अगर कोई ट्रैक्टर तेज भगा रहा है तो उसे रोककर समझाया जा सकता है। ट्रैक्टर को धीरे भी चलाया जा सकता है।