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कानपुर. कानपुर महानगर में बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से शहर की आबोहवा लगातार खराब हो रही है. एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों को खासा समस्या हो रही है. कि कानपुर में दिल,दिमाग और सांस संबंधित रोगों के कई मामले सामने आ रहे हैं. तो वहीं अब इसका असर कानपुर के वन्यजीवों पर भी पड़ने लगा है.

कानपुर प्राणी उद्यान के जानवरों पर प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है. ज्यादातर जानवर स्वभाव से चिड़चिड़े होते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी शेर,बाघ, तेंदुआ ,हिरण ,गैंडा, भालू में देखने को मिल रही है.
दीपावली के बाद से लगातार कानपुर की आबोहवा खराब होती जा रही है. धुंध की एक परत आसमान पर छाई रहती है. जिस वजह से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है. कानपुर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौतों और स्वभाव में बदलाव की समीक्षा भी की गई थी. जिसमें यह तथ्य भी सामने आए हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से जानवरों के फेफड़ों में महीन धूल के कण जमा हो रहे हैं और लीवर में संक्रमण फैलने की वजह से कई जानवरों की जान तक चली गई थी. इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण की वजह से जानवरों के स्वभाव चिड़चिड़ा पन बढ़ रहा है.