यूक्रेन के कई इलाकों से रूसी सेनाएं भले ही पीछे हटी हों लेकिन इन क्षेत्रों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वे दिल दहलाने वाली हैं। यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव बरामद हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि शवों के हाथ बंधे पाए गए हैं जबकि कुछ को समीप से गोली मारी गई है। दुनियाभर में रूसी सेना के इस कृत्य की निंदा हो रही है जबकि राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने इसे नरसंहार करार दिया है।
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन की सरकार ने इन शवों की तस्वीरें और वीडियो पश्चिमी मीडिया के लिए शूट किया है। रूस का कहना है कि उसकी सेना ने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है। दूसरी ओर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एलान किया है कि उनकी सरकार इस नरसंहार की जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र गठित करेगी जिसमें अंतरराष्ट्रीय अभियोजक और न्यायाधीश भी शामिल होंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सेना के युद्ध अपराधों को दंडिंत करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। वहीं राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने सड़कों पर पड़े शवों को भयावह बताया है। उनका आरोप है कि मारे जाने से पहले कुछ महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया था। बुचा के आसपास विभिन्न जगहों पर कम से कम 21 शव पाए गए हैं। माना जा रहा है कि लोगों को गोली मारने से पहले उन्हें प्रताडि़त किया गया था। जर्मनी समेत तमाम देशों ने रूसी सेना के बर्बर कृत्य की निंदा की है।
यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिकों ने भी इस बर्बर नरसंहार की निंदा की है। वहीं समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन ने कहा है कि रूस अब पूर्वी यूक्रेन पर फोकस कर रहा है। वह पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की तैनाती को मजबूत कर रहा है। रूसी सेनाएं डोनबास प्रांत पर ध्यान दे रही हैं। रूस अब मारियुपोल शहर पर कब्जा करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। मारियुपोल शहर पर हमले जारी हैं लेकिन यूक्रेनी सेनाएं कड़ी टक्कर दे रही हैं।