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कानपुर देहात । पुलिस हिरासत में युवा व्यवसायी की मौत हो गई। लूट के एक मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने सोमवार रात को उठाया था। सोमवार-मंगलवार की रात करीब 2.30 बजे परिजनों को युवक की मौत की खबर मिली। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने हंगामा कर दिया। पुलिस से उनकी झड़प हो गई। मामले के तूल पकड़ता देख एसपी ने SOG टीम समेत 9 पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया। वहीं, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी लीं। मृतक युवक का नाम बलवंत है। पूरा मामला शिवली कोतवाली के लालपुर सरैया गांव का है।
सरैया गांव में 6 दिसंबर को चंद्रभान सिंह नाम के कारोबारी से लूट हो गई थी। वह दुकान बंद करके लौट रहे थे तभी पीछे से आए दो बाइक सवार बदमाशों ने ढाई लाख रुपए और 40 हजार के आभूषण लूट लिए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। इसी बीच, सोमवार को पुलिस ने चंद्रभान के रिश्ते में लगने वाले भतीजे बलवंत समेत 5 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था।बताया जा रहा है कि हिरासत में लेने के कुछ ही घंटे बाद बलवंत की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर आई। वहां डॉक्टरों ने उसको हैलट के लिए रेफर किया। लेकिन, थोड़ी देर में ही बलवंत ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने पर परिजन अस्पताल पहुंच गए। मृतक बलवंत के बड़े भाई सचिन ने पुलिस पर बलवंत को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाया है।चोकर का कारोबार करता था युवक
मृतक के भाई सचिन सेंगर ने बताया,” मेरा छोटा भाई बलवंत चोकर का कारोबार करता था। भाई घर से सोमवार 12 बजे चोकर लाने बाजार गया था। शाम 4 से 5 बजे के बीच वह चोकर लेकर लौट रहा था, तभी रनिया थाने की पुलिस और एसओजी टीम ने मेरे भाई को हिरासत में ले लिया। मामले की जानकारी हुई तो मैं और चाचा रनिया थाने पहुंचे। वहां पुलिस कर्मी भाई की पिटाई कर रहे थे। हमने विरोध किया। चाचा ने बताया कि मैंने तहरीर में बताया था कि लूट करने वाले युवक की उम्र 18 से 19 साल के बीच रही है। मेरा भतीजा तो हेल्दी है। आप ने उसे हिरासत में क्यों लिया? इस पर पुलिसने बताया कि अब तो FIR दर्ज हो चुकी है। आप हमें जांच कर लेने दीजिए। आप मैथा चौकी चलिए। हम वहीं चल रहे हैं।एसपी ने गठित की जांच कमेटी
एसपी सुनीति ने बताया कि 6 दिसंबर को हुई लूट की घटना के खुलासे को लेकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी। इसी क्रम में बलवंत सिंह को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वह खुद ही थाने आया था। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं, उसको संज्ञान में लेते हुए खुलासे के लिए लगी एसओजी टीम, मैथा चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है।पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।चाचा बोले-भाई ने पुलिसकर्मियों को पिटाई करते देखा
मृतक के जिस चाचा चंद्रभान के साथ लूट की घटना हुई थी। उन्होंने बताया, “6 दिसंबर को मैं दुकान से लौट रहा था। रास्ते में 4 युवकों ने मुझे रोक लिया था। आंख में मिर्च झोंककर नकदी और ज्वैलरी लूट ली। मैंने थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस गांव के ही 4 लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। सोमवार को पता चला कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मेरे भतीजे को भी पकड़ा है। मैं थाने बताने गया कि लूट में मेरा भतीजा नहीं था। लेकिन वहां न तो मेरा भतीजा मिला न ही कोई अधिकारी। इसके बाद हम मैथा चौकी गए, लेकिन वहां पर भी हमें कोई नहीं मिला। फिर मुझे मेरे भाई ने बताया कि चौकी पर बलवंत को पुलिस ने बहुत मारा। उसका पता नहीं चल रहा है। इसके बाद हम शिवली थाने पहुंचे और भतीजे के बारे में जानकारी की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। कुछ देर बाद पता चला कि भतीजे की अस्पताल में मौत हो गई है।