युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप में दो फाड़, फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने रूस की कार्रवाई को नरसंहार कहने से किया इन्‍कार

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में दो फाड़ हो गया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने बुधवार को कहा कि रूसी और यूक्रेनियन भाईचारे के लोग थे। उन्‍होंने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई को नरसंहार कहने से इन्‍कार कर दिया। उन्‍होंने शांति के लिए शर्तों के साथ विवेकपूर्ण होने की आवश्यकता पर जोर दिया। ज्ञात हो कि मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई को पहली बार ‘नरसंहार’ कहा है।

मैक्रोन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं आज शर्तों के साथ विवेकशील रहूंगा। रूसी और यूक्रेनियन भाई-बहन हैं। जो हो रहा है, वह पागलपन है। यह यूरोप में युद्ध की वापसी है; लेकिन साथ ही, मैं तथ्यों को देख रहा हूं। मैं चाहता हूं इस युद्ध को रोकने और शांति बहाल करने के लिए यथासंभव प्रयास करें। मैक्रोन से पूछा गया कि क्या वह यूक्रेन में और विशेष रूप से मारियुपोल में नरसंहार के रूप में घटनाओं पर विचार करेंगे, तो उन्‍होंने इससे इन्‍कार किया।

फ्रांसीसी नेता ने आने वाले दिनों में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और संभवतः रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करने की योजना की भी घोषणा की। 24 फरवरी को रूस ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क के यूक्रेनी अलग क्षेत्रों को स्वतंत्र गणराज्यों के रूप में मान्यता देने के बाद यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू किया। रूस का कहना है कि उसके आक्रमण का उद्देश्य यूक्रेन का विसैन्यीकरण और अस्वीकरण है।

रूस को अलग-थलग नहीं कर सकते, यूक्रेन में जारी रहेगा अभियान: पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम को चेताते हुए कहा था कि मास्को को अलग-थलग नहीं किया जा सकता है। इस तरह का कोई प्रयास नाकाम होगा। मुश्किल हालात में भी रूस लंबी छलांग लगा सकता है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन में तब तक सैन्य अभियान जारी रखेगा, जब तक कि उसके लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते। अभियान योजना के मुताबिक चल रहा है।

उन्होंने कहा कि यह तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है क्योंकि रूस नुकसान को कम करना चाहता है। मास्को से करीब साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर वोस्तोचन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान जरूरी है, क्योंकि अमेरिका इस देश का इस्तेमाल रूस को धमकाने के लिए कर रहा था। यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वाले लोगों को उत्पीड़न से बचाने के लिए भी यह अभियान जरूरी है।

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