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लेह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया की सबसे लंबी और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग की आज आधारशिला रखी। यह सुरंग श्रीनगर, करगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क मुहैया कराएगी। लेह, कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने यहां बौद्ध आध्यात्मिक गुरु 19वें कुशक बाकुला रिनपोछे की 100वीं जयंती के समापन समारोह में भी भाग लिया। इस सुरंग के निर्माण से जोजिला दर्रे को पार करने का समय साढ़े तीन घंटे से घटकर मात्र 15 मिनट हो जाएगा।
मोदी ने अपनी सरकार बनने के बाद देश में चल रहे विकास कार्यों पर कहा कि 18,000 गांवों को 1,000 दिनों के भीतर बिजली मुहैया कराई गई। इन गांवों को आजादी के बाद से बिजली नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के 70 साल बाद चार करोड़ घरों को बिजली नहीं मिली थी, उन्हें डेढ़ साल के भीतर बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे।
जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और सर्दियों में भारी हिमपात के कारण यह बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर से सड़क संपर्क टूट जाता है। इस परियोजना में 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का लक्ष्य है जिसमें दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होगी। एक समारोह में यहां मोदी ने कहा कि सभी तीनों क्षेत्रों में आज 25,000 करोड़ रुपये की लागत से परियोजनाओं का या तो उद्घाटन किया जाएगा या उनकी आधारशिला रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य के तेजी से विकास की ओर केंद्र और प्रदेश सरकारों की प्रतिबद्धता दिखाता है।