
Network Today
आईआईटी कानपुर में शुक्रवार को शुद्धता, माइक्रो, मेसो व नैनो इंजीनियङ्क्षरग पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘कोपेन 12Ó का शुभारंभ किया गया. आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि माइक्रो, मेसो व नैनो इंजीनियङ्क्षरग का उपयोग स्वास्थ्य तकनीक से लेकर रक्षा, एयरोस्पेस, अंतरिक्ष विज्ञान सभी क्षेत्रों में हो रहा है. इसीलिए शोध को बढ़ाने की जरूरत है. भविष्य में विनिर्माण क्षेत्र में बहुआयामी अवसर हैं और इसमें भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मुख्य अतिथि आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो। सुहास जोशी ने आधी सदी के दौरान दुनिया में विनिर्माण प्रौद्योगिकी के विकास पर प्रकाश डाला। प्रो। समीर खांडेकर ने डिजाइन प्रक्रिया को समझाया। मैकेनिकल इंडस्ट्रियलिस्ट विभागाध्यक्ष प्रो। जे रामकुमार ने बताया कि कोपेन का यह 12वां सम्मेलन है। जिसकी मेजबानी पहली बार आईआईटी कानपुर कर रहा है। इस सम्मेलन को विज्ञान एवं इंजीनियङ्क्षरग अनुसंधान बोर्ड, डीआरडीओ, इसरो, आईआईटी गुवाहाटी, लोहिया कार्प का समर्थन मिला है। सम्मेलन तीन विषयों शुद्धता अभियांत्रिकी, विनिर्माण प्रक्रिया और मापन पर केंद्रित है।
215 आवेदन मिले हैं
ये इंडस्ट्रियलिस्ट क्षेत्र किफायती स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अन्वेषण, रक्षा, एयरोस्पेस में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं। करीब 215 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 175 को स्वीकार किया गया है। देश-विदेश से 300 से ज्यादा विशेषज्ञ, शिक्षक, छात्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, उद्योगों व अनुसंधान प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।