
नई दिल्ली। गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में बिजली कटौती मुसीबत का सबब बन सकती है। भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग बढ़ गई है। ऐसे में राज्यों को मांग के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। उधर, दूसरी ओर देश के कई हिस्सों से कोयला संकट की भी खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में आने वाले समय में देश में बिजली संकट और बढ़ सकता है।
भीषण गर्मी और कोयले की कमी के चलते देश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश, इन 12 राज्यों में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. भारत में पिछले हफ्ते 623 मिलियन यूनिट बिजली की शॉर्टेज हुई है। यह पूरे मार्च महीने में हुई शॉर्टेज से ज्यादा है। थर्मल प्लांट में कोयले की कमी से राज्यों को बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। लगातार बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में थर्मल प्लांट पर और ज्यादा दबाव पड़ रहा है। इसके अलावा कुछ राज्यों की ओर से कोयला कंपनियों को भुगतान में देरी की वजह से भी कोयला आपूर्ति प्रभावित हो रही है। भारत में गुरुवार को बिजली की मांग 201 गीगावाट तक पहुंच गई है। वहीं, इस दौरान देशभर में 8.2 गीगावाट की कमी भी दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में बिजली संकट और गहरा सकता है।
झारखंड सबसे ज्यादा प्रभावित
झारखंड सबसे ज्यादा बिजली संकट का सामना कर रहा है। झारखंड में कुल बिजली डिमांड में से 17.3 फीसदी शॉर्टेज हई है। झारखंड में कोयले की कमी के पीछे की वजह कोल कंपनियों के भुगतान में देरी बताई जा रही है। यहां तक कि झारखंड कोयले के पुराने बिल को भी नहीं चुका रहा है। वहीं, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 11.6 फीसदी शॉर्टेज रही है। इसके अलावा राजस्थान को 9.6 फीसद, हरियाणा को 7.7 फीसद, उत्तराखंड को 7.6फीसदी, बिहार को 3.7फीसदी बिजली शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में भी गहराया बिजली संकट
उत्तर प्रदेश में बिजली संकट एक बार फिर गहराने लगा है। कोयले की कमी के चलते यूपी में बिजली संकट पर हाहाकार मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि बिजली संकट को सूबे में विकराल नहीं होने दिया जाएगा।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर ऐसे साधा निशाना
राहुल गांधी ने साधा केंद्र पर निशाना कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, भारत बिजली संकट का सामना कर रहा है। ज्यादा राज्यों में लोग 8 घंटे बिजली कटौती झेलने को मजबूर हैं। मैंने मोदी सरकार को चेतावनी दी थी कि कोयले के स्टॉक की कमी से देश को परेशानी होगी। क्योंकि बिजली की मांग चरम सीमा पर है। इस मुद्दे पर चर्चा के बजाय सरकार ने खंडन जारी कर दिया। लेकिन सच खुद व खुद बोलता है. उन्होंने आगे लिखा, कोयले के स्टॉक के मामले में देश के 165 कोयला प्लांट में से 106 गंभीर स्थिति में पहुंच गए हैं। इनमें 25ः से कम स्टॉक बचा है। हमारे पास सिर्फ 21.55 मिलियन टन कोयला स्टॉक में बचा है। जबकि कुल 66.32 मिलियन टन स्टॉक की जरूरत है। – गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और अन्य राज्य बिजली की बढ़ती मांग को लेकर संकट का सामना कर रहे हैं । कुछ राज्यों को कोयला आयात करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं राहुल ने इसकी तुलना कोरोना काल से की है.। उन्होंने कहा, कोरोना काल को याद कीजिए, जब भारत सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग गई थी राज्यों को ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर होना पड़ा था। ऐसा ही कोयले के साथ भी हो रहा है।