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भक्तो द्वारा भगवान के चरित्र का वर्णन ही भागवत है- मिथिलेश नंदिनी शरण

 

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कानपुर नगर । पुरुषोत्तम मास के अवसर पर जागेश्वर मंदिर में एकादश दिवसीय पुरुषोत्तम मास महोत्सव में श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के प्रथम दिन बाबा जागेश्वर धाम के प्रांगण में ब्रह्माण्डोत्सव वैदिक विज्ञान मंडल के तत्वावधान में आचार्य उमेश दत्त शुक्ल , आचार्य कुमार गौरव शुक्ल व चित्रकूट धाम से परीक्षित रूप में पधारे आचार्य नवलेश जी  द्वारा व्यास पीठ का पूजन किया गया ।
             तदुपरांत कथा के आरम्भ में श्रीधाम अयोध्या से पधारे संत श्री मिथिलेश नंदिनी शरण जी महाराज ने कहा कि वर्ष के बारह मास में प्रत्येक माह के राशि नक्षत्र और देवता होते है परन्तु कालचक्र की गणनानुसार प्रत्येक चैथे वर्ष पड़ने वाला मास पुरुषोत्तम मास में ही प्रभु ने “हिरन्णयकश्यप’’ का वध करने के लिए वर्ष में  तेरहवे मास की कालगणना की थी  और उसका अधिपत्य स्वीकार किया था । इस मास को  भक्ति व उपासना की द्रष्टि से श्रेष्ठ माना गया है  इस मास में  किये गए पुन्य कार्य अक्षय फलदायी  होते है । इस मास में नैमित्तिक कर्मों को करना  निषेध माना गया है । “पुरुषोत्तम ही परमात्मा है इसीलिए इस मास में भगवत भक्ति व् धार्मिक आयोजनों को करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है चुकी यह माह स्वयम नारायण का है इसीलिए इस मास में भूलवश हुई त्रुटियों की क्षमा है ऐसा शास्त्र सम्मत है । कथा के अंत में महाराज जी कहा की यह कलयुग का प्रथम चरण चल रहा है मनुष्य की क्षमता घट गयी है इसलिए अभी अधीर हो रहा है ,श्रष्टि में आपदायें ,सामुद्रिक हलचलों की तरह है और  देश की राजनीती में भी उथल पुथल यूँ ही होती रहेगी अभी कई बार प्रथ्वी का उत्थान होगा और अभी कई बार धरती पर मनुष्य रूप उद्धारक प्रकट होंते रहेंगे। कथा में सायं काल व्यास पीठ की आरती की गयी जिसमे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में नगर की महापौर प्रमिला पाण्डेय ने शिरकत कर व्यास पीठ की आरती की ।इस मौके पर सह्योगियों में मुख्य रूप से योगेश भसीन ,कौस्तुभ शुक्ल , दीपक तिवारी , प्राण श्रीवास्तव ,विजय सिंह ,कमल शंकर मिश्र , त्रिभुवन ,आदि मौजूद रहे ।
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