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बड़े खिलाड़ी अफसर: अपने गढ़ से बीहड़ रवाना गए डीएसपी त्रिपुरारी पांडेय, शासन तक पहुंची थी कई शिकायतें
कानपुर।नई सड़क केसों की विवेचना के खेल के जाल में डीएसपी फंस गए और उसी में नप गए। नई सड़क बवाल के मामले में गठित एसआईटी में त्रिपुरारी पांडेय शामिल थे। वह मुख्य विवेचक थे। सूत्रों के मुताबिक इसमें कई बड़े खेल किए गए। यह खेल एक पार्षद के जरिए हुआ।
चर्चित डीएसपी त्रिपुरारी पांडेय का जालौन के पीटीएस (पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) तबादला कर दिया गया है। शासन पहुंची शिकायतों को संज्ञान में लेकर डीजीपी ने कार्रवाई की। शनिवार देर रात दबादला होने के साथ डीएसपी को रिलीव भी कर दिया गया। अब तक की नौकरी में से करीब ढाई दशक तक त्रिपुरारी कानपुर में तैनात रहे हैं।
बीच-बीच में कुछ समय के लिए आसपास पोस्टिंग रही। ऊंची पहुंच की वजह से त्रिपुरारी पांडेय ने कानपुर अपना गढ़ बना लिया था। कई कथित एनकाउंटर भी किए। नई सड़क केसों की विवेचना के खेल के जाल में डीएसपी फंस गए और उसी में नप गए। नई सड़क बवाल के मामले में गठित एसआईटी में त्रिपुरारी पांडेय शामिल थे। वह मुख्य विवेचक थे। सूत्रों के मुताबिक इसमें कई बड़े खेल किए गए।आपको ये बतादे की यह खेल एक पार्षद के जरिए हुआ।
मझे खिलाड़ी रहे हैं त्रिपुरारी
त्रिपुरारी पांडेय 1988 बैच के सिपाही थे। दस साल बाद 1998 में उनको पहला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला तो वह हेड कांस्टेबल बने। 2002 में परीक्षा पास करने के बाद दरोगा बन गाए। 2005 में दोबारा ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और त्रिपुरारी इंस्पेक्टर बन गए। तय समय बाद डीएसपी के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। उनकी नौकरी को 34 साल हुए हैं, जिसमें से वह 25 से अधिक साल कानपुर में ही रहे। केवल एक बार आगरा जनपद में तैनात रहे थे। वहीं कुछ वर्षों के लिए वाराणसी, लखनऊ, मुगलसराय जीआरपी में रहे। कानपुर जीआरपी में भी लंबा वक्त गुजारा। एक तरह से उन्होंने कानपुर गढ़ बना रखा था। कई डीजी व बड़े नेताओं तक त्रिपुरारी की पहुंच रही। ढाई साल पहले लखनऊ कमिश्नरी में त्रिपुरारी का तबादला हुआ था। चंद दिनों में वह जुगाड़ लगाकर वापस कानपुर आ गए थे।
सूचनाए लीक करने के बारे मे बात समाने आई
सूचनाएं लीक करना और कुछ नामों को जोड़ने व घटाने की बात सामने आई। इसके अलावा कई और गंभीर मसलों की शिकायतें शासन को पहुंची। डीजीपी व अन्य अफसरों ने शिकायतों का संज्ञान लिया। शनिवार रात को ही त्रिपुरारी पांडेय का तबादला किया गया। साथ ही कानपुर पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया गया कि तुरंत डीएसपी को रिलीव कर दें। पुलिस कमिश्नर ने रिलीव कर उसका आदेश मुख्यालय भेजा। इससे अंदेशा कि मामला बेहद गंभीर था। जिसमें डीएसपी नपे हैं और उनको पीटीएस जालौन भेजा गया। पीटीएस जालौन के बीहड़ क्षेत्र में बना हुआ है।
समाजसेवा में भी लगे रहते थे
त्रिपुरारी पांडेय समाज सेवा में भी लगे रहते हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक गरीब महिला को ई-रिक्शा दिलाया था। अपहरण कर मारे गए संजीत यादव की बहन की पढ़ाई का खर्च वही उठा रहे हैं। हाल में ही उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर युवती की शादी का खर्च उठा कन्यादान किया था। इस तरह के काम वह करते रहे। कई वीडियो भी उनके हुये थे वायरल ।