COVID 4th wave: बच्चों के पीछे हाथ धोकर पड़ा कोरोना का XE variant,

अगर ये 5 लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाये

दिल्ली । कोरोना वायरस (Coronavirus pandemic) का खतरा अभी टला नहीं है।
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का खौफ एक बार फिर बढ़ गया है।

यूरोप और एशिया के कई देशों में कोरोना की चौथी लहर (Covid 4th wave) पहले ही दस्तक दे चुकी है। अब कोरोना की चिंगारी भारत भी पहुंच गई है। देश में पिछले एक हफ्ते से नए मामलों की संख्या बढ़ना फिर से शुरू हो गया है। इस बार कोरोना ज्यादातर बच्चों को अपना शिकार बना रहा है।

देश में पिछले कुछ हफ्तों से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामलों को देखते हुए दिल्ली सहित कई शहरों में मास्क पहनने का नियम एक बार लागू कर दिया गया है। तीसरी लहर खत्म होने के बाद नए मामलों में कमी को देखते हुए कोरोना से जुड़े लगभग सभी नियमों को खत्म कर दिया गया था, जिसमें मास्क पहनना भी शामिल था।

 

कोरोना की तीसरी लहर के बाद स्कूलों के फिर से खुलने के बाद कई बच्चों और अध्यापकों में कोरोना के लक्षण देखने को मिले हैं। इससे परिजनों में चिंता पैदा हो गई है। एक डराने वाली रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गौतम बौद्ध नगर में 107 नए कोविड-19 मामलों में से 30% से अधिक बच्चों में दर्ज किए गए हैं। सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि दिल्ली और आसपास के शहरों में बच्चों में कोरोना के मामले पाए जा रहे हैं।

हालांकि, विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है। इस बार कोरोना का एक्सई वेरिएंट (XE variant) ज्यादा परेशान कर रहा है क्योंकि इसमें पिछले सभी वेरिएंट से यदा तेजी से फैलने की क्षमता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसके लक्षण हल्के हैं और उन पर ध्यान रखना जरूरी है।

बच्चों को एक्सई वेरिएंट से कितना खतरा

चिंता की बात यह है कि कोरोना के अब तक मिले वेरिएंट्स की तुलना में एक्सई वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलने वाला है। अब ओमीक्रोन बीए.1 और बीए.2 को सबसे ज्यादा तेजी से प्रसारित होने वाला वेरिएंट माना जाता था। चूंकि बच्चों का एक बड़ा वर्ग अभी भी असंक्रमित है, तो ऐसे में उन्हें इस वायरस की चपेट में आने का खतरा हो सकता है।

बच्चों में एक्सई वेरिएंट के लक्षण (Symptoms of XE variant in children)

दिल्ली स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में पल्मोनोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अवि कुमार ने एक मीडिया हाउस को बताया है कि बच्चों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और इसमें ऊपरी श्वसन पथ के लक्षण शामिल होते हैं जैसे बुखार, नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द और सूखी खांसी।

बच्चों को कोरोना से बचाने के उपाय

विशेषज्ञों ने बताया है कि माता-पिता के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि उनके बच्चे स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें, अच्छी तरह से खाएं और सोएं, स्वच्छता से जुड़ी आदतों का पालन करें और जो बच्चे टीकाकरण के लिए पात्र हैं उन्हें इसे जल्द से जल्द लेना चाहिए।

बच्चों की डाइट का रखें विशेष ध्यान

एक्सपर्ट्स का मानना है कि माता-पिता को बच्चों की डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनके खाने में विटामिन सी और अन्य सभी जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर खाने की चीजें शामिल होनी चाहिए। इससे उनके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।

पात्र बच्चों को टीका लगवाएं

चूंकि यह ओमीक्रोन का एक सबवेरिएंट है, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि नया संस्करण टीके से प्रभावित होगा। जो बच्चे टीकों के लिए पात्र हैं, उन्हें टीकाकरण करवाना चाहिए क्योंकि यह इस संक्रमण के गंभीर रूप से उनकी रक्षा करेगा।

COVID 4th wave: चौथी लहर का खौफ! फिर जरूरी हुआ मास्क, एक बार फिर जान लें कोरोना के लिए कौन सा मास्क है बेस्ट

देश में पिछले कुछ हफ्तों से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामलों को देखते हुए दिल्ली सहित कई शहरों में मास्क पहनने का नियम एक बार लागू कर दिया गया है। कई शहरों में भी मास्क में ढील देने वाले नियम को वापस ले लिया गया है और अब मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की घोषणा की है। कोरोना से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना जरूरी है।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कथित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में फेस मास्क नहीं पहनने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। इधर चंडीगढ़ सहित उत्तर प्रदेश और हरियाण के कई शहरों में भी मास्क में ढील देने वाले नियम को वापस ले लिया गया है और अब मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की घोषणा की है।

कई देशों में कोरोना की चौथी लहर (Covid 4th wave) ने पहले से ही तबाही मचा रखी है। इस बार ओमीक्रोन बीए.1 (Omicron BA.1), बीए.2 (BA.2) और एक्सई वेरिएंट्स (XE variant) के मामले अधिक पाए जा रहे हैं। अगर बात करें भारत की, तो लगातार 11 हफ्तों कम होते मामलों के बाद पिछले एक हफ्ते में नए मामलों की संख्या में उछाल आया है। पिछले एक हफ्ते में नए मामलों की संख्या में 35% की वृद्धि हुई है।

इन शहरों में जरूरी हुआ मास्क लगाना

दिल्ली में, उत्तर प्रदेश के सात जिलों गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और लखनऊ में, हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में और चंडीगढ़ में एक बार फिर मास्क लगाना जरूरी हो गया है। मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना भी लगेगा।

मास्क पहनना क्यों जरूरी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कोरोना से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। संगठन का यह भी मानना है कि मास्क के साथ शारीरिक दूरी बनाना, कमरों को अच्छी तरह हवादार रखना, भीड़ से बचना, अपने हाथों को साफ करना और खांसते समय टिश्यू या कोहनी का इस्तेमाल करना जरूरी है।

कोरोना से बचाव के लिए कौन सा मास्क है बेस्ट

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, ढीले बुने हुए कपड़े के मास्क कम से कम सुरक्षा प्रदान करते हैं, जबकि बारीक बुने हुए लेयर वाले मास्क अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

एन-95 है बेस्ट ऑप्शन

सीडीसी का मानना है कि अच्छी तरह से फिट होने वाले डिस्पोजेबल सर्जिकल मास्क और केएन 95 और भी अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा अच्छी तरह से फिट होने वाले NIOSH से एप्रूव्ड एन-95 रेस्पिरेटर्स मास्क सबसे ज्यादा सुरक्षा प्रदान करते हैं।

N95 और KN95 देंगे ज्यादा सुरक्षा

संस्था का मानना है कि N95 और KN95 मास्क सबसे अच्छा विकल्प हैं। सीडीसी ने लोगों को महामारी की शुरुआत से ही N95 की सलाह दी थी। मौजूद समय में आसानी से उपलब्ध होने वाले यह मास्क आपकी पहली पसंद होनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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